
हमारे यहां तो महाराज एक तो मंदिर के पुजारी को और दूसरा हलवाई को बोला जाता है। अब यह कौन से महाराज है यह खुद तय कर ले। इतना ही नहीं फिर सिंधिया पर बरसते हुए कहा कि सिंधिया ने शासकीय जमींन पर कब्जा कर लिया है। में यकीन दिलाता हूॅ कि इस जमींन को इनके कब्जे से मुक्त कराऊंगा।
विदित हो कि सिंधिया राजवंश की छत्री प्रांगण में हुई बाउण्डीबॉल के बाद से लगातार सिंधिया परिवार पर हमला बोलने के बाद दोनों के बीच काफी तकरार बढ़ गई है। अब यह समझ से परे है कि यह तकरार पर्सनल किसी विवाद को लेकर है या फिर ऐसे ही अपने आप को क्षेत्र में स्थापित करने को लेकर बयान बाजी करते रहे है। आखिर आज तक बयान बाजी के बाद भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के बाद भी कोई भी कोई भी ठोस कदम नहीं उठा पाए है। और न ही सिंधिया पर कोई भी आरोप साबित कर पाए है।