शिक्षा विभाग के सरदार की ईमानदारी पर सवाल: क्या स्कूल माफिया के पार्टनर हैं DEO

ज्वलंत सवाल/ललित मुदगल/शिवपुरी। इस समय शहर में प्राईवेट स्कूल संचालको के द्वारा खुली लूट खसोट जारी है। उन्हे मान्यताओं और सुविधाओं के नाम पर मूर्ख बना कर लूटा जा रहा है। और इसमे इनकी पर्देदारी कर लूट खसोट में साथ दे रहे है जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत सिंह गिल। यह कोई राजनैतिक आरोप नहीं, इसके लिए पर्याप्त तथ्य और तर्क हैं। बीते 30 मार्च को बाल कल्याण समिति ने शिवपुरी डीईओं को एक पत्र जारी किया था कि डीईओ जिले सभी प्राईवेट स्कूलों की मान्यताए ओपन कर अखबारों में प्रकाशित कराएं। जिससे पालक भ्रमित न हों लेकिन आज दिनांक तक जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसी कोई सूची ओपन नही की और न ही सीडब्ल्यूसी को सूची दी है। 

जैसा कि विदित है कि इस समय प्राईवेट स्कूलों में एडमिशन शुरू हो चुके है और एक-एक एडमिशन की मारा-मारी चल रही है। स्कूल संचालक अपनी प्रचार सम्रागी में मान्यताए छाप रहे हैं, लेकिन उन पर यह मान्यताए नहीं है। खबर यह भी आ रही है कि मप्र बोर्ड की मान्यता भी नही है और स्कूल संचालक अपनी विज्ञापन समाग्री पर सीबीएसई और आईसीएसई का प्रकाशन कर रहा है। और आईसीएसई को इंटरनेशनल पाठ्यक्रम प्रचारित कर रहे है। 

शिवुपरी समाचार डॉट कॉम ने इस मुद्दे को पूर्व में भी प्रमुखता से भी प्रकाशित किया था कि स्कूल संचालक पालको को मूर्ख बना रहे है। और उनके साथ धोखाधडी कर रहे है। इस खबर के बाद डीईओ शिवपुरी ने एक पत्र स्कूल संचालको को जारी कर कहा था कि स्कूल संचालक अपनी मान्यताए और सुविधाएं स्पष्ट करें। नही तो कार्रवाही की जाऐगी। इसके बाद सरदारजी चुप हो गए। उन्होंने ना तो अपने पत्र का फालोअप लिया और ना ही किसी फर्जी स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई की। 

इसके बाद जन सुनवाई में स्कूलो की शिकायते की गई लेकिन जांच के नाम पर वह भी लटका दी गई। इसके बाद सीडब्ल्ययू ने सभी स्कूलों की मान्यता सार्वजनिक करने की मांग की थी। लेकिन आज दिंनाक तक इस मामले में कोई सूची जारी नही है। 

सीडब्ल्यूसी ने यहां तक लिखा था कि जिले में विभागीय मान्यता प्राप्त संचालित प्रायवेट स्कूलों की सूची डीईओ कार्यालय जारी करे। साथ साथ यह भी स्पष्ट करे कि किस स्कूल को किस क्लास तक की मान्यता प्राप्त है वही कितने और किन-किन स्कूलों के पास सीबीएसई और आईसीएसई की मान्यता प्राप्त है। 

सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने यह जानकारी सात दिवस में देने की कहा था। साथ ही कहा था कि डीईओ इस जानकारी को समाचार पत्रों के माध्यम से पब्लिक में पहुंचाए। जिससे छात्र और पालक भ्रमित न हो। सात दिवस गुजर जाने के बाद सीडब्ल्यूसी ने एक और स्मरण पत्र इीईओ को 10 अप्रैल को जारी किया और जानकारी के लिए 3 दिवस का फिर समय दिया। इसके बाद फिर अंतिम पत्र भी सीडब्ल्यूसी ने जारी कर जानकारी मांगी है लेकिन इन तीनो पत्रों को पूरी समय अवधी गुजर जाने के बाद भी अभी तक डीईओ ऑफिस ने यह जानकारी ओपन नही की है। 

अभी तक मान्यता प्राप्त प्राईवेट स्कूलों की सूची जारी न करना जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली और नियत पर सवाल खडे करता है। कहीं ऐसा तो नहीं कि शिवपुरी के स्कूल माफिया से डीईओ की मिलीभगत है और वो भी इन फर्जी स्कूलों में साइलेंट पार्टनर हैं। यदि डीईओ पर​मजीत सिंह गिल ईमानदार हैं तो क्यों अब तक मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट जारी नहीं की जा रही। डीईओ एक सरकारी नौकर हैं। इस तरह के फर्जी स्कूलों ने जनता को बचाना उनकी पदेन जिम्मेदारी है। बावजूद इसके उनका मौन संदेह को पुख्ता कर रहा है कि वो शिवपुरी के स्कूल माफिया से मिले हुए हैं। अब जरूरी हो गया है कि कलेक्टर शिवपुरी खुद इस मामले में दखल दें। एक तरफ शिवपुरी जिले के मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की लिस्ट जारी करवाएं और दूसरी तरफ इसी खबर को शिकायत मानकर जांच के आदेश जारी करें कि आखिर क्यों डीईओ अब तक लगातार शिवपुरी के फर्जी स्कूलों को संरक्षित करते आ रहे हैं।