
जबाब देने के बाद कीनल त्रिपाठी ने रमेश जाटव को फोन लगाकर कहा कि तुम्हारा समूह निरस्त कर रहे है अगर समूह बचाना है तो 30 हजार रूपये ले आओ। उक्त मांग पर फरियादी रमेश जाटव कार्यालय में पहुॅचा और कीनल त्रिपाठी से लेन-देन कम करने की गुजारिश की तो 25 हजार रूपये में मामला निपटाने की बात हुई। रमेश ने तत्काल 5 हजार रूपये कीनल त्रिपाठी को दिये। और बाकी 20 हजार रूपये बाद में देने की बात फिक्स हुई। रमेश ने उक्त पूरे घटनाक्रम की रिकॉडिग कर ली और ग्वालियर लोकायुक्त एसपी अमित सिंह से शिकायत की। लोकायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुंरत कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
इस पर लोकायुक्त की टीम शिवपुरी पहुॅची और फरियादी रमेश को रिश्वत के 20 हजार रूपये देकर कीनल त्रिपाठी को देने के लिये भेजा। उक्त पूरे घटनाक्रम में लोकायुक्त की टीम रमेश का पीछा कर रही थी। रमेश ने कीनल त्रिपाठी को रिश्वत के 20 हजार के नये नोट देकर टीम को सूचित किया। लोकायुक्त की टीम ने टीम ने कीनल त्रिपाठी को रंगे हाथों दबोच लिया। जब छानबीन की तो टेबिल में से 20 हजार रूपये बरामद कर लिये। जब कीनल त्रिपाठी के हाथ धुलाये तो रंग निकला। जिस पर लोकायुक्त की टीम ने भ्रष्ठाचार अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई।
इसी मामले में भोपाल स्तर से कार्रवाई करते हुए कीनल त्रिपाठी की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।