प्रसव पीड़ा से तडपती प्रसूता की मौत का आखिर जिम्मेदार कौन ?

मुकेश रघुवंशी/लुकवासा। जिले के कोलारस अनुविभाग के लुकवासा उपस्वास्थ्य केन्द्र पर पदस्थ एक नर्स की मन मर्जी के चलते इलाज के अभाव में एक प्रसूता की मौत हो गई। एक और तो भारत सरकार प्रसूता और जन्म लेने बाले बच्चों की दर में वृद्धि लाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। वही दूसरी और इस जिम्मेंदारी भरे पद पर बैठे लोग इस कार्य में लापरवाही कर शासन की योजनाओं सहित लोगों की जिंदगी से सरेआम खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे। 

जानकारी के अनुसार बीते रोज सबीना बानो पत्नि लियाकत खांन उम्र 27 वर्ष निवासी लुकवासा को प्रसब पीड़ा हुई तो परिजन उक्त महिला को लेकर उप स्वास्थ्य केन्द्र लुकवासा आए। जहां आकर देखा तो उप स्वास्थ्य केन्द्र में कोई भी नहीं था। ड्यूटी पर तैनात नर्स आरती कवीर पंथी कस्बे में ही प्रायवेट इलाज करने गई हुई थी। जब परिजनोंं ने जननी एक्सप्रेस को फोन लगाया तो जननी का ड्रायवर पचावली में बैठा हुआ था। 

तो परिजन उक्त ड्रायवर को लेने 6 किमी दूर बाईक से पचावली गए और ड्रायवर को लेकर आए। तब तक भी उक्त नर्स नहीं आई तो ड्रायवर रेफर रजिस्टर लेकर अपने साथ प्रसूता को कोलारस ले आया। अब लगातार इलाज नहीं मिलने से प्रसूता की हालात विगडने लगी तो कोलारस में पदस्थ डॉक्टर दिव्यांग शर्मा ने तुंंरत महिला को जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान महिला की रास्ते में मौत हो गई। 

अब इस पूरे घटनाक्रम में बात करें तो जिम्मेदारी भरे इस पद पर बैठे तीनों लोग अपने सेंटर पर मरीजों को मरता छोडक़र अपने-अपने कामों में नर्स प्रायवेट इलाज में,ड्यूटी डॉक्टर लुकवासा की जगह कोलारस में और जननी एक्सप्रेस का ड्रायवर पचावली में थे। आखिर इस मौत के लिए प्रशासन किसे दौषी मानेगा। इस घटना को लेकर महिला के परिजन जब चौकी पहुंचे तो चौकी पर भी ताला लगा मिला। आखिर कौन है इस पूरे घटनाक्रम का जिम्मेदार?