शिवुपरी। कल दोपहर शिवपुरी के ग्राम खजूरी में 33 केव्ही की लाईन पर काम करते समय बिजली विभाग के कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई थी,इस मामले में बताया जा रहा है कि बिजली कंपनी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण इस कर्मचारी की मौत हो हुई है।
दोपहर 12 बजे हुए इस हादसे के बाद देर रात तक मृतक कर्मचारी कैलाश शाक्य का पोस्टमार्टम नही हुआ था। जैसा कि विदित है कि कैलाश शाक्य अपने 3 साथियो के साथ 33 केव्ही की लाईन पर काम कर रहा था। बताया गया है कि ठेकेदार भी साथ किसी किसान की डीपी लगाने के लिए यह काम चल रहा था इस कारण ही इस कर्मचारी को 33 केव्ही की लाईन पर चढाया था।
खबर यह भी आ रही है कि जिस समय कैलाश शाक्य 33 केव्ही की लाईन पर चढा हुआ था उस समय लाईन बंद थी लेकिन अचानक लाईन चालू हो गई और कैलाश को प्राण लेवा झटका लगा और चंद सेकेंड में उसकी मौत हो गई थी। परमिट के विषय में खबर मिल रही है कि यह परमिट मौखिक रूप से लिया गया था।
इस कारण अचानक ही यह लाईन में कंरट दौडने लगा था,बताया जा रहा है कि इस समय खेतो में डीपी रखने का काम बिजली विभाग नही करता है 3 फैस के कनेक्शन और डीपी रखवाने के लिए ठेकेदार प्रथा है। बताया जा रहा है कि जब परमिट लिया जाता है तो उसकी पूरी फोरमेटी पूरी करनी पडती है।
इस मामले में विधिवत रूप से परमिट क्यो नही लिया गया। यह सवाल बार-बार उठ रहे है। इस मामले में हमारे राम का कहना है कि अवश्य ही यह काम नियमानुसार नही हो रहा होगा इस कारण ही मौखिक रूप से परमिट लिया गया होगा,जहां ठेकेदारी से काम कराया जाता है तो विभाग के अधिकारियो और ठेकेदार के बीच कमीशन का एक मजबूत रिश्ता होता है और इसी मजबूत रिश्ते में बलि चढ गया संविदा कर्मचारी कैलाश शाक्य।
मृतक के परिजन बार-बार अधिकारियो से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन अधिकारी संपर्क में नही आ रहे थे। परिजनो को कहना है कि लाईन में करंट कैसे आ गया,विधिवत परमिट क्यो नही लिया गया। वह ठेकेदार और जि मेदार अधिकारियों पर मामले दर्ज कराने की मांग लगातार कर रहे है।