
जैसा कि विदित है कि अभी कुुछ दिन पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत सिंह गिल ने शहर के कुछ प्राईवेट स्कूल संचालको को एक पत्र जारी करा था। इस पत्र में उल्लेख था कि स्कूल संचालक अपनी सुविधाओ और मान्यताओ का स्पस्ट उल्लेख अपनी प्रचार सम्रागी में करे। गलत पाई जाने पर कार्रवाई की जाऐगी।
इस पत्र को जारी होने के बाद शहर जीके हैरिटेज स्कूल ने एक दिए गए विज्ञापन में आईसीएसई पेर्टन का उल्लेख किया है। जबकि शहर मे एक मात्र स्कूल सैंट चार्ल्स स्कूल ही आईसीएसई पेर्टन है। सूत्र यह भी बता रह है कि उक्त स्कूल में अभी आईसीएसई छोडे मप्र बोर्ड की मान्यता भी नही है। खबर यह भी आ रही है कि उक्त स्कूल की शिकायत भी हुई है। परन्तु जिला शिक्षा अधिकारी इस शिकायत को दबा कर बैठै है।
इसी प्रकार शहर की कोतवाली रोड पर चलने वाला रोजवैली स्कूल की मान्यता पर भी सवाल उठ रहे है कि तलघर में स्कूल कैसे संचालित हो सकता है और अपने विज्ञापन सम्रागी में आईसीएसई लिख रहे है।
शहर में चलने वाला होली वर्डस स्कूल की मप्र बोर्ड की मान्यता है और और आईसीएसई लिखा जा रहा है। इसी प्रकार वनस्थली विद्यावैली स्कूल की मप्र बोर्ड की मान्यता है आौर सीबीएसई मान्यता प्राप्त प्रचारित किया जा रहा है। ऐसे कई स्कूलों की खबर मिल रही है जिनकी मान्यता मप्र बोर्ड की मान्यता तक नही है और कुछ भी लिख कर शहर के अभिभावको को मूर्ख बना रहे है।
कुल मिलाकर सीधा-सीधा साफ-साफ कहना है कि क्या जिला शिक्षा अधिकारी इस पत्र को जारी कर भूल गए। क्यो इन स्कूलो पर कार्रवाई नही की है। कहीं ऐसा तो नहीं एक लेटर जारी करके प्राइवेट स्कूल संचालकों को डराया गया और फिर गुपचुप डील हो गई। अब सरदार साहब चुप बैठे हैं। क्यों ना आरोप लगाया जाए कि इस तरह का पत्र जारी करके अवैध वसूली की गई है। या स्कूल संचालको के साथ जिला शिक्षा अधिकारी का कोई अनैतिक गठबंधन हो गया है।