सहस्त्र हाथों लाखों प्रणाम: सिद्वेश्वर नाथ की सबारी में जनता ने बिछाए पलक-पावड़े

शिवपुरी। शिव की नगरी शिवपुरी में आज भगवान शिवजी की शौभा यात्रा बड़ी ही धूम-धाम से निकाली गई। यह शौभा यात्रा में लोगों की भीड़ देखते ही बन रही थी। सहस्त्र हाथों लाखों प्रणाम की तर्ज पर चारों और भगबान शिव की सवारी में चारों और एक ही नारा गूंज रहा था। पूरा शहर आज शिवमय हो गया।

शिवपुरी के इतिहास में पहली बार नगर देवता बाबा सिद्धेश्वर नाथ की सवारी धूमधाम के साथ निकली जिसमें बाबा के साथ हजारों-हजार भक्तों के जन सैलाव ने शाही जुलूस का रूप धारण कर लिया। घर-घर और द्वार-द्वार दर्र्शन देने के लिए पधारे बाबा सिद्धेश्वर नाथ के स्वागत में शिवपुरी की जनता ने पलक पांवड़े बिछाए। हजारों भक्तों ने बाबा की आरती उतारी और शाही जुलूस का सैकड़ों स्थानों पर बारात से भी बढक़र जोरदार स्वागत हुआ। 

माहौल उस समय पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंग गया जब विष्णु मंदिर पर हरि से मिलन करने के लिए स्वयं हर उनके मंदिर में पहुंचे और इस अद्भुत चमत्कारी दृश्य को हजारों लोगों ने साक्षी भाव के साथ देखा और इसका आनंद लिया। बाबा की सवारी नगर में जहां-जहां से भी गुजरी वहां जनसैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों और श्रद्धालुओं का भक्तिभाव देखने लायक था। 

भोले तेरी जय हो, हर-हर महादेव के नारों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। भक्ति रस की गंगा इस हद तक प्रवाहित हो रही थी कि बाबा की मूरत देखकर हर कोर्ई हिलोरे ले रहा था और उसका पूरा शरीर भक्तिभाव से चलाय मान हो रहा था। जुलूस में बड़ी सं या में महिलायें भी शामिल थी और ब्रह्माकुमारी की बहिनें तो जुलूस में कलश लेकर चल रहीं थी। 

बाबा सिद्धेश्वर नाथ शिवपुरी के नगर देवता है। लेकिन जिस तरह से उज्जैन के राजा महाकाल की प्रतिष्ठा है उसी प्रतिष्ठा के हकदार बाबा सिद्धेश्वर नाथ हैं। भगवान सिद्धेश्वर नाथ किसी प्रतिष्ठा के मोहताज नहीं है, लेकिन शिवपुरी वासियों का यह फर्ज और इससे भी बढक़र धर्म है कि जिस तरह से उज्जैनवासी राजा महाकाल को प्रतिष्ठा देते हैं ठीक उसी तरह की प्रतिष्ठा शिवपुरीवासी अपने नगर देवता और रक्षक बाबा सिद्धेश्वरनाथ को दें। 

हालांकि यह आज के पूर्व कभी हो नहीं पाया, लेकिन 23 फरवरी को महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्र्व इतिहास बना और पहलीबार बाबा सिद्धेश्वर नाथ की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली। सुबह से ही सिद्धेश्वर मंदिर पर भक्तों का सैलाब उमडऩा शुरू हो गया था और 11 बजते-बजते तो सिद्धेश्वर मैदान में बाबा की जय-जयकार के नारों के साथ हजारों भक्त एकत्रित हो गए थे। फिर बड़े भक्तिभाव के साथ चांदी से सुसज्जित बाबा सिद्धेश्वर नाथ की प्रतिमा भक्तों ने अपने कंधों  पर उठार्ई और जयकारों के साथ बाबा की सवारी शाही रथ में सवार हुई। 

इसके बाद सुसज्जित ट्राली में बाबा सिद्धेश्वर नाथ विराजमान हुए और गाजे-बाजों की सुमधुर धुन के साथ बाबा सिद्धेश्वर नाथ ने नगर भ्रमण के लिए कूच कर दिया। यहां सिद्धेश्वर महादेव सेवा समिति के कार्र्यकर्र्ता सफेद कुर्ते और पाजामे तथा हर-हर महादेव लिखा दुपट्टा धारण किए हुए थे। सिद्धेश्वर मैदान से ही बाबा की आरती और शाही सवारी के स्वागत का सिलसिला शुरू हो गया। पुरानी शिवपुरी, गुरूद्वारा चौराहा, राजेश्वरी रोड़, कोर्ट रोड़, गांधी चौक, सदर बाजार, आर्र्यसमाज रोड़, नरहरी प्रसाद शर्मा चौराहा आदि क्षेत्रों में बाबा की सवारी का अविस्मरणीय स्वागत हुआ।