10 बेटियों के बाद बेटे ने लिया जन्म तो प्रसव पीड़ा भूल गई लक्ष्मी

शिवपुरी। अपनी कोख से अपने घर के चिराग को जन्म देने की चाह रखने वाली लक्ष्मी की भगवान ने बडे देर से सुनी,10 बेटियों को जन्म देने के बाद लक्ष्मी ने बेटे की चाह नही छोडी और और अत: में भगवान ने उसको 11वी संतान के रूप में बेटे के रूप में आर्शीवाद दिया। 

महज तीन बीघा जमीन और परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद एक बेटे के जन्म की चाह को लेकर 11वीं बार गर्भवती हुई अमोलपठा निवासी लक्ष्मी (45) पत्नी माधव प्रजापति ने मंगलवार की दोपहर 1 बजकर 17 मिनट पर बेटे को जन्म दिया तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 

लक्ष्मी इस कदर खुश थी कि वह बार-बार भगवान का शुक्रिया अदा कर रही थी, यहां तक कि प्रसव पीड़ा को भी उसने विसार दिया। हालांकि अब लक्ष्मी का कहना है कि उसकी मुराद पूरी हो गई है और अब उसे कुछ नहीं चाहिए। लक्ष्मी के 9 बेटियां हैं, जबकि एक बेटी की जन्म के बाद मौत हो गई थी। बावजूद इसके बेटे की चाह में लक्ष्मी 11वीं बार गर्भवती हुई।

सामान्य से ज्यादा वजन का जन्मा नवजात
लक्ष्मी ने जिस नवजात बेटे को जन्म दिया है, उसका वजन जन्म के समय बच्चों के औसत वजन से अधिक है और वह पूर्णत: हष्ट पुष्ट है। डॉ. बृजेश मंगल के मुताबिक जन्मे नवजात का वजन 4 किलो 200 ग्राम है, जबकि औसतन 2 किलो 500 ग्राम के बच्चे को भी आदर्श माना जाता है। लक्ष्मी भी पूरी तरह स्वस्थ है।

कम से कम कोख में तो नहीं मारी मैंने बेटियां
भले ही बेटे की चाहत में लक्ष्मी ने 10 बेटियों को जन्म दे दिया, लेकिन इस चाह को लेकर जब उससे सवाल किया गया तो उसने समाज के उस तबके को करारा जबाव दिया जो कन्या भ्रूण हत्या करते हैं। लक्ष्मी का कहना था कि मैं मानती हूं कि मैंने बेटे की चाह में 10 बेटियों को जन्म दिया, लेकिन उन लोगों जैसा तो नहीं किया, जो लोग कोख में पता लगाकर बेटियों को मार देते हैं। उन्हें इस दुनिया में भी नहीं आने देते।