पोहरी में फर्जी BPL धारी: पात्र खा रहे दर-दर की ठोकर अपात्र ले रहे है लाभ

अभिषेक शर्मा/पोहरी। जिले के पोहरी मे गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने बाले परिवार को बनाए गये बीपीएल कार्ड का लाभ पात्र हितग्राहीयो को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे मे तहसील पोहरी के कई धनी परिवार के बीपीएल कार्ड है और इनसे मिलने बाली योजनाओ का लाभ भी ले रहे है। 

मामला मे जब पोहरी तहसीलदार से बात की तो उन्होने प्रशासनिक आदेश आने का हबाला देकर जांच करने की बात कही है। लोगो का कहना है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने बाले लोगो को बीपीएल कार्ड बनाए जाते हैं। इनमे कार्डधारी परिबार के पास पक्का मकान नही होना चाहिए जमीन नही होना चाहिए एसी शर्ते होती है। 

जिसकी पूरी जानकारी उस ईलाके का पटवारी करता है। पटवारी के रिपोर्ट के बाद ही बीपीएल कार्ड बनता है। मगर पोहरी के और आस पास के गांव के घरो का सर्बे किया जाए तो लगभग 50 प्रतिशत लोग इस योजना का लाभ उठा रहे है। सबाल यह उठता है कि अब प्रशासन का मुलाजिम ही आवेदनकर्ता के मकान,जमीन-जायदाद ब्यवसाय जो भी शर्ते रहती है उनकी जांच करता है उसके बाद भी कैसे अपात्र लोगो का बीपील कार्ड बन जाता है। 
बीपीएल कार्ड धारी लोगो मे कोई ब्यक्ति अपनी झूठी जानकारी देकर कार्ड लेकर शासन की कई योजनाओ का लाभ उठाता है तो इसमे सजा का भी प्रावधान है। बही जो भी बीपीएल कार्ड धारी परिवार है शासन उनके घर के आगे बीपीएल कार्ड धारी होने की पूरी जानकारी लिखती है।

मगर पोहरी मे अभी भी 50 प्रतिशत बीपीएल कार्डधारी लोगो के घरो के आगे अभी तक नही लिखा गया है। एसे मे पोहरी मे प्रशासन द्वारा अनदेखी मे बनाए गए बीपीएल कार्ड से शासन के खजाने को हर बर्ष लाखो रूपय का चूना लगाया जा रहा है।

पूर्व तहसीलदार ओपी राजपूत ने उठाया अपात्र लोगो के बीपीएल निरस्त करने का मुददा
पोहरी मे पूर्व तहसीलदार ओपी राजपूत द्वारा बीपीएल कार्डो के पुन: सर्बे कराकर अपात्र लोगो का कार्ड निरस्त कर उन पर कार्यबाही हेतु आदेश निकाला था और पूरी पोहरी मे एनाउंस कराया जिसे देखकर कुछ लोगो ने तो न ही हटवा लिया लेकिन जैसे ही तहसीलदार ओपी राजपूत का तबादला हुआ उसके बाद बीपीएल कार्ड बनने मे इजाफा हुआ है आज पोहरी मे 50 प्रतिशत अपात्र लोगो के पास बीपीएल कार्ड है और शासन की निशुल्क योजनाओ का भरपूर लाभ उठा रहे है। ऐसे मे बीपीएल कार्ड का अपात्रो के लिए बनना एक गंभीर विषय है जिसे तहसील प्रशासन द्वारा अभी तक नजरांदाज कर दिया गया है।

केवल 5 प्रतिशत ही लोग बीपीएल की श्रेणी मे आते है
तहसील पोहरी आज लगभग 95 प्रतिशत लोगो के पास पक्का मकान से लेकर सुख सुविधए उपलब्ध है जिसके बाबजूद भी अपात्र कई बर्षो से बीपीएल कार्ड बनबाकर शासन की योजनाओ का भरपूर लाभ ले रहे है। एसे मे प्रशासन द्वारा एक भी बार बीपीएल कार्डो का सर्बे नही कराया गया है जिससे 5 प्रतिशत जरूरतमंदो के बीपीएल कार्ड बन सके। 

बीपीएल के लिए एक श्रेणी रहती है जिसमे लगभग 95प्रतिशत कार्ड अपात्र ही निकलेंगे इसके बाबजूद भी प्रशासन इसे नजरंदाज क्यो कर रहा है। बही सूत्रो से जानकारी के अनुसार पटवारी की मिलीभगत से ही बीपीएल कार्ड बनाए जाते है जिनकी एक रकम 5000 निश्चित जिसके तहत अपात्रो के बीपीएल कार्ड बनाए गये है।

इनका कहना है-
पोहरी मे लगभग बीपीएल कार्ड अपात्रो के बनाए गए है जिनकी पुन: जांच करनी चाहिए जिससे अपात्रो को मिल रही शासन की योजनाओ का लाभ बंद हो सके।
देवेन्द्र जैन 
नागरिक पोहरी
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मामला संज्ञान मे आया है अगर अपात्रो के पास बीपीएल है तो उनकी जांच के बाद निरस्तीकरण की कार्यबाही की जाएगी।  
अंकित अष्ठाना
एसडीएम पोहरी 
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शासन से अगर कोई बीपीएल की जांच का अभियान आता है तो निश्चित ही जांच कर निरस्तीकरण की कार्यबाही की जाएगी। अगर हमारे पास कोई शिकायत आती है तो हम जांच कर अपात्रो के कार्डो को निरस्त करते हैं।
एसडी कटारे
तहसीलदार पोहरी ।