सहाब! कुटीर के नाम पर दस हजार मांग रहा है सरपंच का दलाल

कोलारस। शासन द्वारा हर गरीब को पक्का आशियाना बनाने का सपना देखा जा रहा है। इसी सपने को साकार करने के लिए सरकार हर संभव योजनाऐं गरीबो के हित के लिए लेकर आ रही है। और हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन चंद पैसे के पुजारी गरीबो के हित की सभी योजनाओ को कूर्क करने में लगे है। 

हम कितने की दावे करले लेकिन दलाल रूपी दबंग लोग गरीबो का हक छीनने में पीछे नही हट रहे है। दलाली के ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके है। जिससे क्ष़्ोत्र में हलचल मची हुई है। और अब तो दलाल दबंगई पर उतारू हो चुके है। आए दिन ऐसे मामले विभिन माध्यमो से सुनने को आसानी से मिल जाते है।  

ऐसा ही मामला कोलारस विधानसभा अंर्तगत ग्राम साखनौर में सामने आया है। जहां एक दिव्यांग चीख चीख कर पंकज नाम के दबंग पर अपने लिए मंजूर हुई रकम को निकालने के एवज में मोटी रकम की मांग का आरोप लगा रहा है, और गरीब लगातार अपने हक में से एक पैसा देने को तैयार नही है। जब इस बात की जानकारी लगते ही हमारे प्रतिनिधी ने गांव में जाकर बात की तो साखनौर निवासी सुआलाल जो एक हाथ से अपाहिज है। 

जिसके बाद बताया की उनहे इस वर्ष शासन द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत की कुटीर में उसका नाम आया था जिसके बाद ग्राम के सरपंच के कहने पर उसने घर का निर्माण कर्जा लेकर करा लिया और मकान के फोटो खिचवाकर और सारे जरूरी दस्ताबेज इकठठे करके पंकज नाम के व्यक्ति को दे दिये जिसके बाद पंकज ने मंजूर हुई राशी दिलवाने के बदले मंजूर राशि में से दस हजार की मोटी रकम की मांग कर दी जिसे देने से गरीब ने मना कर दिया। दिव्यांग का कहना है। की मुझे जो रकम शासन द्वारा मंजूर हुई है। उसे आज नही तो कल मुझे सरकार को वापस भी तो करना है। अगर में पंकज को दस हजार दे दुंगा तो मुझे क्या फायदा होगा। 

कौन है पंकज .....
अब सवाल ये है। की कौन है ये पंकज फिलहाल पंकज के बारे में ज्यादा कुछ तो नही बता सकते लेकिन कुछ ग्रामीणो का दबि जुबान से यह कहना है की पंकज साखनौर निवासी है। लेकिन फिलहाल कई वर्षो से कोलारस में दलाली का धंधा जमाये हुए बैठा है। जो अक्सर कोलारस के ऑफिसो के आस पास आसानी से देखा जा सकता है। जबकी सूत्रो से पता चला है पंकज का नाम कोलारस के प्रमुख दलालो में मु य रूप से लिया जाता है। 

ऐसा भी बताया जाता है। साखनौर से निवासी होने के साथ ही गांव का सरपंच और पंकज दोनो ग्रामीणो को बहला फुसलाकर अपना स्र्वाथ सिद्ध रकर लेते है।  
इस पूरी घटना से इन दबंग दलालो को कोैन समझाये च्च्मन के लडडुओ से भूख नही मिटती और इस पूरे घटना क्रम से अंदाजा लगाया जाता है। किस कदर दलाल रूपी दानव गरीबो को अपना निषाना बना रहे है। और सुर्खियां बटोर रहे है। ऐसे कई लोगो को पहले भी शिकार बना चुके है।