
जहॉ इस बात की सूचना खेत मालिक ने पुलिस को नहीं दी और आनन-फानन में मामलेे को दबाने का प्रयास करने लगे। तब तक उक्त बात की खबर मीडिया को लग गई और मीडिया ने मौके पर पहुॅचकर घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहॉ दो लोगो की हालात गंभीर बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार पडोरा गांव के मजदूर मजदूरी के लिए देवा सरदार के खेत पर गए थे जहां वे शनिवार शाम टमाटर तोड़ रहे थे तभी अचानक एक फाल्ट के साथ बिजली तार टूटकर गिर गया।
इस हादसे में पड़ोरा निवासी बुद्धा पुत्र शंकर आदिवासी उम्र 16 वर्ष, सीमा पुत्री तोमर आदिवासी, मिथलेश पत्नी खिल्लू, सुमित्रा पुत्री जगदीश, सखी पत्नी रूपसिंह, रामकिशन पुत्र होतम, सोमवती पत्नी होतम, कल्ला पुत्र सुखदेव एवं निमी झुलस गए। घटना की गंभीरता को भांपते हुए खेत मालिक देवा सरकार सभी घायलों को लेकर शिवपुरी आया, लेकिन मामले पर पर्देदारी की नीयत से पहले निजी चिकित्सालय एमएम हॉस्पीटल ले गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद मीडिया के पहुॅचने पर जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और मामले की विवेचना में जुट गई।
घायल मजदूरों के चेहरे पर दिखे डर के भाव
करंट लगने से झुलसे घायल एवं उनके परिजनों को जब चिकित्सालय लाया गया तो उनके साथ खेत मालिक और उसके कुछ साथी भी थे, जब मीडियाकर्मी वहां पहुंचे और उन्होंने घायलों से मामले की हकीकत जानने का प्रयास किया तो सभी डरे सहमे से दिखाई दिए।
उनके चेहरे के भाव से यह साफ दिखाई दे रहा था कि वह दबाव में हैं। डरे सहमे ग्रामीणों ने सिर्फ तार टूटकर गिरने की बात बताई जबकि एक मजदूर ने दबे स्वर में बताया कि बिजली के खंबे में किसी वाहन के टकराने से तार टूटा जिसके चलते यह हादसा हुआ। कुल मिलाकर यदि पुलिस मामले की गंभीरता से पड़ताल करे तो घटना का सच सामने आ सकता है।