
हमारी भारतीय संस्कृति और धर्मग्रंथ ने हमेशा से ही विदेशियों को प्रभावित किया है। और इसी प्रभाव के चलते जुहून भारत में आए और शिवपुरी के शिवपुरी के भदैया कुंड स्थित प्राचीन मंदिर पर पहुंचे और यहां विभिन्न धर्म गुरुओं की उपस्थिति में संन्यास दीक्षा ग्रहण की।
विश्व भर में करेंगे धर्म का प्रचार
संन्यासी बने सोहम का कहना है कि वे विश्व भर में शांति और भाईचारे के लिए धर्म का प्रचार करेंगे। कई देशों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं जुहून हावर्ड यूनिवर्सटी से पीएचडी सहित तमाम डिग्रियां हासिल करने के बाद जुहून ने विश्व के विभिन्न् देशों में महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ रहकर अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाया है। बकौल जुहून वे फ्रांस, स्विटरलैंड, यूएन में पेट्रोलियम कंपनी में शीर्ष पदों पर पदस्थ रहे तो वहीं वल्र्ड बैंक के डायरेक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पत्नी ने दिया साथ और बन गए संन्यासी
जुहून ने बताया कि उन्होंने गीता, बाइबल, कुरान सहित तमाम धर्म ग्रंथों का गहन अध्ययन किया है लेकिन वे गीता से खासे प्रभावित हुए। इसके अलावा उपनिषद व वेदों का भी उन्होंने अध्ययन किया। इसके बाद उन्हें लगा कि ग्रहस्थ आश्रम त्यागकर धर्म के प्रचार के लिए संन्यास लेने का वक्त आ गया है और यह विचार जब उन्होंने अपनी पत्नी जूडी जुहून को बताया तो जूडी ने भी न केवल सहमति दी बल्कि उनकी इस मंशा को फलीभूत करने के लिए उनके साथ शिवपुरी भी पहुंची।