जीवन का सार है श्रीमद् भागवत कथा : डॉ.गिरीश जी महाराज

शिवपुरी। कठिन परिस्थितियों और आर्थिक हालातों से जूझते हुए भी यदि मनुष्य प्रभु की भक्ति करें तो यह जीवन बदलते देर नहीं लगती, क्योंकि तन-मन और धन यह तीन वस्तुऐं मनुष्य के शारीरिक कर्म का प्रतिफल है जिससे यह जीवन इस संसारी रूपी दुनिया में चलायमान होता है श्रीमद् भागवत कथा जीवन दर्शन कराती है, जीने की कला और जीने का उद्देश्य बताकर उसके मार्ग को प्रशस्त करती है इसीलिए श्रीमद् भागवत कथा जीवन का सार है इसे जिसने आत्मसात कर लिया है वह संवर गया और जो वंचित रह गया है वह इस पुण्य फल को प्राप्त करने के लिए अनादिकाल तक प्रभु का स्मरण करने के बाद भी प्राप्त नहीं कर पाता है इसलिए कथा का उद्देश्य, उसके मार्ग और सबका कल्याण हो ऐसी सोच रखें तभी प्रभु हरि की शरण पा सकोगे।

भगवान श्रीकृष्ण रूप में श्रीमद् भागवत कथा की यह व्या या की राष्ट्रीय कथा व्यास डॉ.गिरीश जी महाराज ने जो स्थानीय श्रीबांकड़े हनुमान मंदिर पर आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर आयोजित कथा प्रसंग पर अपना व्या यान दे रहे थे। 

इस दौरान मु य यजमान पूर्व विधायक माखन लाल राठौर ने पूरे समय कथा में भगवान की लीलाओं का श्रवण कर यह संदेश जन-जन को दिया कि वह प्रभु भक्ति करें, प्रभु की कथा को श्रवण करें यदि ऐसा हर मनुष्य कर ले तो वह अपने जीवन को सफल बना लेगा।

इस दौरान आचार्यत्व के रूप में महंत गिरिराज जी महाराज द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया गया। इसके अलावा कार्यक्रम मे श्रद्धालुओं की सं या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और अधिक से अधिक लोग कथा श्रवण का लाभ लेने श्री बांकड़े मंदिर पहुंच रहे है।
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