नोट बंदी में जमा बंदी: सहकारी बैंक हुए ऑवर फ्लो, डूब रहे खातों से आया करोड़ो रूपया

शिवपुरी। नोटबंदी में जमाबंदी की खबर आ गई है। बताया जा रहा है कि जिले के सहकारी और नागरिक बैंको के में 500 और 1000  रू के नोट पर जमाबंदी कर दी गई है। ऐसा इस कारण हुआ है कि घाटे में चल रहे इन बैंको के कर्जदार किसानो ने अपना कर्ज चुकाने के लिए मना कर दिया था। उन किसानो ने 13 करोड रू नोटबंदी के ऐलान के बाद जमा करा दिया है। इस कारण मंगलवार को् आरबीआई ने इन बैंको से 500 और 1000 रू के नोट जमा करने से मना कर दिया है। 

हुआ है यहां बडा घोटाला
शिवपुरी में जिला सहकारी बैंक और नागरिक सहकारी बैंकों की एक दर्जन से ज्यादा शाखों में पिछले पांच दिन में फ र्जी किसानों के नाम से 13 करोड़ से ज्यादा की राशि के 500 और एक हजार के पुराने नोट जमा हुए हैं। इन बैंकों में नोटबंदी के बाद इस बड़ी राशि के जमा होने से सहकारी बैंकों की प्रक्रिया जांच की जद में है। 

केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद जिले के सहकारी और नागरिक बैंकों में पुराने नोट जमा होने का काम मंगलवार तक चला है। केेंद्र सरकार के पास इस फर्जीवाड़े की शिकायत सामने आने के बाद मंगलवार से इन सहकारी और नागरिक बैंकों में पुराने नोटों के जमा पर रोक लगा दी गई है। 

लेकिन इस दौरान शिवपुरी में सहाकारिता से जुडे कुछ नेताओं और अफसर ने ब?ी राशि का पुराना नगदी मिलीभगत से बैंकों की शाखाओं में जमा करा दिया है। जिला सहकारी और नागरिक बैंकों की शाखाओं में एकदम इतनी ब?ी राशि का केस जमा होने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह केसकी ब्लैकमनी का है और फर्जी किसानों और दूसरे लोगों के माध्यम से यह जमा किया गया है। 

कुछ सहकारी बैंक शाखओं में तो फर्जी आईडी फार्म लगाकर 4.4 हजार रुपए की नगदी बदली गई है। सूत्रों ने बताया है कि नागरिक सहकारी बैंक में ही एक करोड़ की राशि जमा की गई है। इसमें एक होटल संचालक का बड़ी ब्लैकमनी का पैसा ट्रांसफर किया गया है। यहां पर कई ऐसे डेड खातों में पेमेंट जमा और निकाला गया है जिनमें वर्षों से कोई लेनदेन ही नहीं हुआ था। 

आईबीआई ने मांगी रिपोर्ट
बताया जाता है कि उप्र में 200 करो? से ज्यादा की राशि फर्जी किसानों के नाम से सहकारी बैंकों की शाखाओं में जमा हुई है। उप्र में यह फर्जीवा?ा होने के बाद ही आरबीआई ने सहकारी बैंकों पर रोक लगाई। इस दौरान शिवपुरी में भी 13 करो? से ज्यादा की राशि जिला सहकारी बैंक और नागरिक सहकारी बैंकों में जमा होने के बाद आईबीआई ने पूरा विवरण तलब किया है। सूत्रों ने बताया है कि नोटबंदी के बाद जमा हुई नगदी की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। सूत्रों ने बताया है कि इस जमा राशि की सही जांच हुई तो बड़ा घपला सामने आ सकता है। 

क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में हमारी 13 शाखाएं हैं। सहकारी बैंकों में पुराने 500 व 1000 के नोट मंगलवार तक लगभग 13 करो? जमा हुए हैं। फिलहाल केंद्र सरकार के नए निर्देशों के बाद अभी पुराने नोट लेना बंद कर दिया है। 
अशोक कुशवाहा
महाप्रबंधकए जिला सहकारी बैंक शिवपुरी 
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