शिक्षक आत्महत्या कांड: एक आरक्षक पर मामला दर्ज, परिजनों में आक्रोश

पिछोर। जिले के पिछोर थाना क्षेत्र में बीते रोज एक शिक्षक ने सुसाईड नोट छोडने के बाद जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या के मामले में बीते रोज पिछोर थाने में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इस आत्महत्या के बाद स्थानीय पब्लिक इतनी आक्रोशित हो गई थी कि उन्होंने थाने में पथराब करते हुए एडडीएम सहित एसडीएम की गाड़ी को भी फोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने महज एक आरक्षक पर मामला दर्ज कर अपने अन्य साथियों को बचाने के लिये मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया है।

विदित हो कि जुए में गिरफ्तार सहायक शिक्षक मनोज कुमार पुरोहित ने पुलिस की पिटाई से अपने आपको इतना आहत महसूस किया कि उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन आत्महत्या करने से पूर्व उसने जो सुसार्ईड नोट छोड़ा है उसमें अपनी मृत्यु के लिए पांच पुलिस कर्मियों और एक कथित पत्रकार को जि मेदार बताया है। 

इस सुसाईड नोट के सामने आने के बाद मृतक के परिजनों ने उसकी लाश को थाने के सामने रखकर उग्र प्रदर्र्शन किया। उनकी मांग थी कि मनोज की मौत के जि मेदार लोगों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण कायम किया जाए। सुसाईड नोट में एसआर्ई अरूण प्रताप सिंह भदौरिया, एएसआर्ई पाराशर, दीवान शर्मा, दीवान जादौन और सिपाही रिंकू का नाम है। 

जिन्होंने सहायक शिक्षक के साथ मारपीट की। वहीं एक कथित पत्रकार सचिन भट्ट उर्फ मोनू के नाम का भी जिक्र किया गया है, लेकिन पुलिस ने इस मामले में सिपाही रिंकू शाक्य पर ही भादवि की धारा 306 का मामला कायम किया है। जिससे मृतक के परिजनों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि मनोज की मौत के लिए जि मेदार अन्य पुलिसकर्मियों तथा पत्रकार पर भी आपराधिक प्रकरण कायम किया जाए। 

मनोज ने जहर खाने से पूर्र्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, एसपी मो. यूसुफ कुर्रेशी तथा अपने परिजनों के नाम पत्र लिखे थे। जिसमें उसने स्पष्ट तौर पर कहा था कि किस तरह से पुलिस कर्मियों ने थाने में उसके कपड़े उतरबाए, उसकी जूतों से पिटार्ई की और उसे जूते तक चटवाए। इसके बाद भी उससे डेढ लाख रूपए की मांग की। 

मु यमंत्री के नाम लिखे पत्र में सहायक शिक्षक मनोज पुरोहित ने कहा था कि मेरे बड़े भार्ई एवं भांजे की बस चलती हैं। जिसे मैं कभी-कभी देख लेता था। मैैने जब पुलिस को पैसे देने से मना किया तो मेरे ऊपर जुआ एक्ट के दो झूठे मामले लाद दिए गए। मैने जब इसका विरोध किया तो मेरे ऊपर कट्टा, पिस्टल आदि रखने की धमकी दी। 

गिरफ्तारी के बाद मुझ से घर से एक लाख रूपए मगवाने को कहा और कहा कि तब ही तुम्हारी जमानत लेंगे। एसआर्ई अरूण प्रताप ने मुझे पट्टे से मारा। रिंकू सिपाही ने कम से कम 10 चाटे और लात घूंसे मारे। मेरे दोनों मोबाईल फोन को भी पुलिस ने रख लिया। मैं पुलिस की मनमानी और तानाशाही से दु:खी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। 

वहीं मृतक मनोज कुमार पुरोहित ने भार्ई रविशंकर, विद्याशंकर, पिता नारायण दास पुरोहित माँ एवं भाभी को लिखे पत्र में कहा है कि मेरे दोनों बच्चे और पत्नि रूबी का ध्यान रखा जाए। मैं उन्हें आपके हवाले छोडक़र जा रहा हूं। सुरेश राजपूत और शारदा राजपूत भी मेरे बच्चों का याल रखें। 

सभी दोषियों पर एफआईआर हो
मृतक मनोज कुमार पुरोहित के पिता नारायणदास पुरोहित ने मांग की है कि उनके पुत्र की मौत के लिए जि मेदार सभी पुलिस कर्मियों और कथित पत्रकार के विरूद्ध एफआईआर कायम कर उन्हें गिर तार किया जाए वहीं जिन पुलिस कर्मियों के नाम मनोज ने अपने सुसाईड नोट में लिखे हैं उनकी अविल ब बर्र्खास्तगी की जाए। 

टीआई विहीन थानों में बढ़ रही है पुलिस ज्यादती की घटनायें
शिवपुरी जिले में कई ऐसे थाने हैं जिनमें टीआई थाना संभालते हैं, लेकिन जिले में टीआर्ई की कम सं या के कारण टीआर्ई बाले थानों में सब इंस्पेक्टर के पास थाने का प्रभार है। पिछोर, खनियांधाना,करैरा जैसे थाने सब इंस्पेक्टर संभाल रहे हैं और इन्हीं थानों में  पुलिस ज्यादती की घटनायें सामने आ रहीं हैं। 

शिवपुरी में भी जुआ मामले में पुलिस पर अवैध उगार्ई का आरोप लगा था और जिसमें पुलिस अधीक्षक मो. यूसुफ कुर्रेशी ने एक आरक्षक को निल िबत भी कर दिया था। पिछोर में भी जुआ मामले में पुलिस पर अवैध बसूली का आरोप लगा है। जिसके चलते सहायक शिक्षक पुरोहित ने आत्महत्या कर ली है। 
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