सब्जीमंड़ी के पास के रहवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर

शिवपुरी। मानस भवन क्षेत्र में इतना दुर्गन्ध और विषाक्त पूर्र्ण वातावरण बना हुआ है कि स्थानीय निवासी इस क्षेत्र को छोडऩे पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। सडक़ों पर मलमूत्र फैल रहा है जिसमें सूअर लोट लगा रहे है। सड़े गले टमाटरों के सैलाब में गाय और बैलों ने कब्जा कर लिया है। 

जिनसे उठती बदबू से स्थानीय निवासियों के अलावा वहां से गुजरने वाले राहगीर भी परेशान बने हुए हैं। मजे की बात तो यह है कि कांग्रेस शासित नगर पालिका में इस वार्ड की कांग्रेस पार्षद श्रीमती वर्र्षा संजय गुप्ता की कोर्ई सुनवार्ई नहीं हो रही। इससे त्रस्त होकर आज पार्षद पति ने इस क्षेत्र में आंसू बहाकर अपनी पीड़ा को खुलेआम अभिव्यक्त किया। 

इस इलाके की महीनों से सफाई नहीं हुर्ई है। थोक सब्जी मंडी होने के कारण मंडी वाले यहां की सडक़ पर सड़े गले बदबूदार टमाटर रोजाना फैंक रहे हैं और उसकी बदबू इतनी भयंकर है कि उसका बखान शब्दों से नहीं किया जा सकता। इसकी बदबू लगभग आधा कि.मी. क्षेत्र में फैल रही है। 

टमाटर खाने के लिए यहां हर समय सैकड़ों गाय और बैल जमा रहते हैं और उनके लडऩे पर कई बार लोग टकराकर बुरी तरह घायल हो चुके हैं। इस इलाके में समस्या बिकट सार्वजनिक शौचालय से भी बनी हुई है। जिसकी न केवल महीनों से सफाई नहीं हुई बल्कि पार्ईप लाईन क्षतिग्रस्त होकर सडक़ों पर मलमूत्र फैल रहा है और इस मलमूत्र में सूअर लोट लगा रहे हैं। इसकी असहनीय बदबू से आसपास के लोग निरंतर बीमार हो रहे हैं। 

यहीं नहीं इस इलाके में सीवेज का चे बर भी खुला हुआ है और उसमें से निरंतर मलमूत्र सडक़ पर प्रवाहित हो रहा है। स्थानीय नागरिकों ने नगर पालिका को कई बार इस समस्या से अवगत कराया। यहां रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सैनानी प्रेम नारायण नागर को तो धरना देने तक की चेतावनी देनी पड़ी, लेकिन नगर पालिका के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। 

स्थानीय पार्षद वर्षा गुप्ता के पति पूर्र्व पार्षद संजय गुप्ता का कहना है कि वह एक बार नहीं बल्कि अनेकों बार नगर पालिका के सीएमओ रणवीर कुमाार और स्वास्थ्य अधिकारी गोविन्द भार्गव से यहां सफाई कराने की कह चुके हैं, लेकिन कांग्रेस शासित नगर पालिका में भी उनकी कोई सुनवार्ई नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की शिवपुरी में नगर पालिका द्वारा जमकर खिल्ली और मखौल उड़ाया जा रहा है। 

अगर दूसरा घर होता तो मैं यह मोहल्ला छोड़ देता: धर्मचन्द्र जैन
इस इलाके में रहकर महीनों से नारकीय जीवन भोग रहे डायमंड सीमेंट के डीलर धर्मचन्द्र जैन व्यथित होकर कह रहे हैं कि काश उनके पास दूसरा घर होता तो वह यह इलाका छोड़ देते। उनका कहना है कि मैं और मेरा परिवार असहनीय पीड़ा से गुजर रहा है। कर्ई बार नगर पालिका और पार्षद से शिकायत कर चुके है, लेकिन होता कुछ नहीं है। 
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