बलात्कार का प्रयास वाला ऑपरेशन थियेटर: क्यो डर रहा है प्रशासन

शिवपुरी। इस समय जिले में सीएमएचओ की यमराज प्राईवेट लिमिटेड पर कार्रवाई करना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। प्रशासन का झोलाछाप डॉक्टरो को क्लीन चिट देना कई सवालो को जन्म देता है। खासकर फिजीकल क्षेत्र मे बलात्कार का प्रयास करने वाली ओटी के रूप में फैमस झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक। पता नही है कौन खां साहब है कि इस पर कार्रवाई करने पर पूरे के प्रशासन को डर लग रहा है। 

इसे लिखने में हमे कोई अतिशोयक्ति नही है। इसके लिए हमारे पास पर्याप्त कारण है। जैसा कि विदित है कि शहर के फिजीकल रोड़ में चौकी के पास स्थिति जय शिंवास क्लीनिक में झोलाछाप डॉक्टर पीके मलिक की अनुपस्थिति मेें कंपाउडर द्वारा एक महिला के साथ बलात्कार के प्रयास की कोशिश की गई थी। 

यह घटना घटित तब हुई थी जब उक्त झोलाछाप डॉक्टर किसी काम से बाहर गये हुए थे और झोलाछाप की श्रीमति जी ने ही बिना जांच पडताल किये ही महिला को बेहाशी का इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया। श्रीमति के क्लीनिक से बाहर निकलते ही क्लीनिक के कंपाउडर ने अंदर केबिन में जाकर महिला के साथ बलात्कार करने का प्रयास किया। 

गनीमत यह रही कि महिला की बेहोशी उस समय टूट गई और महिला ने उक्त कंपाउडर की जमकर खेर ली। उसके बाद महिला ने उक्त घटना के बारे में फिजीकल चोकी में मामला दर्ज कराया। जहॉ पुलिस ने आरोपी कंपाउडर पर धारा 376 बी के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया था।

उसके बाद सबाल उठे कि इस क्लीनिक पर क्या कोई भी इलाज करने की पात्रता रखता है? इस सबाल को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने तत्काल इस क्लीनिक पर कार्यंवाही के निर्देश सीएमएचओ शशिकांत खरे को दिये। 

उसके बाद बकायदा एक टीम मौके पर पहुॅची और इस क्लीनिक से संबधिंत काजगात मांगे तो झोलाछाप कोई भी कागज नहीं दे पाये। इस घटना के बाद भी सीएमएचओ के अनुसार उक्त क्लीनिक पर कार्यवाही के लिये नोटशीट बनाकर कलेक्टर को दे दी है और कलेक्टर ने उक्त क्लीनिक को बंद करने के लिये एसडीएम रूपेश उपाध्याय को जांच सौप दी। उसके बाद तो जैसे ये पूरी कार्यवाही ठंडे बस्ते में चली गई और आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही हुई।

यह भी उठ रहे है सवाल
जब इस झोलाछाप क्लीनिक के कागज को खांगलने स्वास्थय विभाग की टीम गई तो क्लीनिक पर मौजूद बेहोश करने की दवाईया क्यो जब्त नही की,तत्काल इस क्लीनिक को सील क्यो नही किया गया। झोलाछाप डॉक्टर को खुले आम ओटी चलाकर मरिजों को बेहोश कर ऑपरेशन करने की पात्रता किसने दी। सुप्रीम कोर्ट की गार्डलाईन के अनुसार झोलाछाप डॉक्टरो को एक इंजेक्शन लगाने की पत्रता भी नही है यहां तो ऑपरेशन हो रहे है। 

सीएमएचओ लगातार कह रहे है कि हमने कार्रवाई कर फाईल बनाकर कलेक्टर साहब को पहुंचा दी है अब कार्रवाई एसडीएम शिवुपरी को करनी है। वे कार्रवाई नही कर रहे है तो हम क्या करे,उधर एसडीएम शिवपुरी रूपेश उपाध्याय का कहना है कि सीएमएचओ को सीधे कार्रवाई कर सकते है। मेरे पास ऐसी कोई फाईल नही आई है। अब सीएमएचओ खरे झूठ क्यो बोल रहे है यह तो राम जाने...। 

इनका कहना है-
कलेक्टर सहाब के आदेश पर मेने इस क्लीनिक पर अपनी टीम भेजी थी। मेरी टीम को इस क्लीनिक के संबधित कोई भी दस्तावेज नहीं मिले है। मेने जांच रिपोर्ट कलेक्टर सहाब को दे दी है। उन्होने इसे एसडीएम को दी है वह इसमें कार्यवाही करेगें।
विष्णुकांत खरे
सीएमएचओ शिवपुरी।

मेरे द्वारा इस मामले में न तो कोई जानकारी मांगी गई है और न ही सीएमएचओ ने कोई रिपोर्ट दी है। सीएमएचओ को खुद पावर है झोलाछाप की दुकान सील करने के अगर कोई झोलाछाप पर कार्रवाई करने में कोई दिक्कत आती है तो वह हमारी मदद ले सकते है। 
रूपेश उपाध्याय
एसडीएम शिवपुरी

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