
जिससे ज्यादा मुनाफे की चाह में कुछ लोग नकली मावा बड़ी मात्रा में खरीदकर दीपावली के त्यौहार में खफाने की फिराक में है। त्यौहार जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे नकली मिलावटी मावा की मांग बडऩे लगी है। इस कारोबार की भनक सभी को है। लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। नकली मावे से लोगो कई तरह की बीमारियो का सामना करना पड़ सकता है। क्योकि घटिया साम्रगी डालकर इस मावे का उत्पादन किया जाता है।
नकली मावा भट्टी संचालित होने की जानकारी फूड से टी डिपार्टमेंट को भी है। लेकिन बावजूद इसके कार्रवाई नहीं की जा रही है। नकली मावा पर कार्रवाई नहीं होना लोगों की सेहत से सीधा खिलवाड़ है।
ऐसे तैयार होता है मावा .
मावा बनाने के लिए पहले शुद्ध दूध से क्रीम निकाल ली जाती है। सिंथेटिक दूध में यूरिया, डिटरजेंट और घटिया क्वालिटी का रिफाइंड और वनस्पति घी मिलाया जाता है। मावा में चिकनाहट लाने के लिए वनस्पति और रिफाइंड को दोबारा मिलाया जाता है। मावा ज्यादा दिन तक सुरक्षित रहे इसलिए उसमें शक्कर मिला दी जाती है।