सीएम हैल्पलाईन की रेट ओपन: आम आदमी सीएम हैल्प लाईन से युद्ध हार गया

ललित मुदगल @एक्सेर/शिवपुरी। प्रदेश के सीएम ने जन शिकायतो के निवारण के लिए सीएम हेल्पलाईन शुरू की थी। परन्तु पूरी-पूरी सीएम हैल्पलाईन एक नाली का निबटारा नही कर सकी। इसे सीधे-सीधे सीएम हैल्पलाईन के गाल पर तमाचा माना जाए या फिर एक आम आदमी इस सिस्टम से फिर हार गया। इस मामले का अब एक्सरे आवश्यक है। क्यो कि यह एक नाली के विषय का नही पूरे सिस्टम का एक्सरे है। 

बीती 20 जनवरी 2015 को धर्मशाला रोड निवासी धर्मेन्द्र सोनी ने सीएम हैल्पलाईन पर शिकायत क्रमांक 648211 दर्ज कराई कि शहर के मैन मार्केट की मेन रोड धर्मशाला रोड पर उनकी नाली के पानी की निकासी सिर्फ इसलिए नही हो पा रहा कि उनके पडोसी ने अतिक्रमण कर रखा है। इस अतिक्रमण का हटाया जाए जिससे उनकी नाली अवरूद्व न हो सके। 

इस शिकायत को पूरा एक डेढ साल गुजर गया है आज 15 अक्टूंबर 2016 है और इस शिकायत पर कार्रवाई नही की गई है। धर्मेन्द्र सोनी का कहना हे कि पिछले 1 वर्ष से सिर्फ सीएम हेल्पलाईन से फोन अवश्य आते है परन्तु मेरी शिकायत का निराकण नही हो पा रहा है। मेरी नाली अब नाले सी उफनने लगी है। और मेरे मकान की नीव में पानी भर रहा है, वह कभी भी गिर सकता है। 

इस मामले का एक्सरे करना अवश्यक है इस नाली की शिकायत पूरी-पूरी की कलेक्ट्रेट की कार्यव्यवस्था की पोल खोलती है कि सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों का अधिकाारियों द्वारा मिलकर कैसे गैंगरेप किया जा रहा है। यह शिकायत कलेक्टर शिवपुरी की मोनिरिटिंग की भी पोल खोलती है कि सीएम हेल्पलाईनो का यह कैसे निराकरण किया जा रहा है। 

आज शिकायतकर्ता के पास सीएम हैल्पलाईन से फोन आया कि आपकी समस्या का निराकरण हो गया है और इस शिकायत को बंद कर दिया गया है। फोन पर शिकायतकर्ता को बताया गया कि आपने रंजिशन शिकायत की है। अधिकारी ने मौके पर जाकर देखा है। कुल मिलाकर लगातार इस शिकायत को करते करते डेढ साल निकल गया नतीजा कुछ नही निकला और एक आदमी इस सिस्टम से फिर युद्ध हार गया।  

शिवपुरी समाचार डाट कॉम के पाठको इस शिकायत को जेपीजी ईमेज भी पोस्ट की जा रही है। जिससे यह जानकारी मिलेगी कि इस सरकार के सुशासन में एक आम आदमी को सिर्फ एक नाली की शिकायत के निबटारे के लिए इस सिस्टम से युद्व की तरह लडना पड रहा है और उसे आज तक सफलता नही मिली उल्टा शिकायतकर्ता पर आरोप मढ दिया गया। 

बताया गया है कि जब भी इस नाली के अतिक्रमण को तोडने के लिए नोटिस लेकर कर्मचारी गए तो अतिक्रमणकर्ता ने एक सौ रूपए बडी ही शान से हर बार दे-दिए। इस सौ रूपए की रिश्वत के जादू में पिछले डेढ साल से सीएम हैल्पलाईन और एक शिकायतकर्ता दोनो लडते रहे और अतिक्रमणकर्ता मुस्करार कर देखता रहा। 
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