
प्राप्त जानकारी के अनुसार 6 अक्टूबर को बेरखेड़ा में रहने वाले प्रकाश परिहार पुत्र धनीराम परिहार और उसके मित्रों द्वारा गांव में स्थापित की गई माँ दुर्गा के प्रतिमा स्थल पर रात्रि जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया था। और वहां कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी जा रही थी।
तभी आरोपी मुनीम रावत और देवेन्द्र रावत शराब के नशे में धुत्त होकर माता के पाण्डाल में पहुंचे और वहां भजनों को रोक कर फिल्मी गानों की फरमाईश करने लगे जिस पर फरियादी प्रकाश ने उन्हें रोका और फिल्मी गाने चलाने से इन्कार कर दिया। जिस पर दोनों उसे जातिसूचक गालियां दी।
यहां तक की आरोपियों ने वहां पथराव शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में एक पत्थर माँ की प्रतिमा में जा लगा और उससे प्रतिमा खंडित हो गई। देखते ही देखते पूरा कार्यक्रम भंग हो गया और लोग आक्रोशित हो गए जिन्होंने आरोपियों को पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन दोनों आरोपी वहां से भाग गए बाद में बड़ी सं या में माता के भक्त थाने पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध करा दिया।