
जानकारी के अनुसार बालकदास कबीरपंती की पत्नि कस्तूरी बाई की आज सुबह घर में ही मौत हो गई। पत्नि की मौत के बाद पति ने स्थानीय लोगों से कहा कि मेरी पत्नि की मौत नहीं हुई है बल्कि उसने समाधि ली है और में अपनी पत्नि को बस्ती में ही खुद के झौपडे में ही दफनाउगां। इस पर स्थानीय लोगों ने बस्ती में दफनाने का विरोध किया परंतु बालकदास कबीरपंती नही माना और घर में ही गाढऩे की जिद करने लगा। जिस पर स्थानीय लोगों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी।
इस सूचना पर फिजीकल चौकी प्रभारी आर एस रघुंवशी मौके पर पहुॅचे और इस बात की सूचना प्रशासन को दी। इस सूचना पर तहसीलदार नबनीत शर्मा भी मौके पर पहुॅचे और बालकदास को समझाया। यह घटनाक्रम काफी देर तक चलता रहा और जैसे तैसे पति की समझ में आया और उक्त महिला की लाश को कव्रिस्तान लेकर गये। जहॉ महिला को दफनाया गया।
यह था घर में दफनाने का कारण
उक्त घटनाक्रम में दफनाने को लेकर चले हाईबॉल्टेज ड्रामें में सामने आया कि झींगुरा में स्थिति खटीक धर्मशाला के पास उक्त पति-पत्नि सरकारी जमींन पर कब्जा करके झौपड़ी में रह रहे थे। यहॉ दोनो ने एक मंदिर का भी निर्माण कर रखा है। इस मंदिर की आड़ में ही यह अतिक्रमण जमा हुआ है। यह पूरी तरह से पक्का हो जाये इस लिये अपली पत्नि को यहॉ दफनाना चाहता था। उसके बाद उक्त जमींन पर पक्का चबूतरा बनबाकर उक्त जमींन पर अतिक्रमण करने का उदेश्य सामने आया है।