धूमधाम से मनी भगवान महावीर की जयंती

शिवपुरी। पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन आज महावीर जयंती मनाई गई। इस अवसर पर भगवान महावीर का जन्मवाचन श्रावक भाई विशाल जी मारू एवं रत्नेश जैन ने सुनाया। जन्मवाचन सुनने के साथ ही जैन समाज के सभी स्त्री, पुरुष भगवान का जन्म उत्सव मनाने लगे और भगवान के पालने को बाजे गाजे के साथ सदर बाजार, कोर्ट रोड से होते हुए मंदिर में विराजमान किया गया। 

जानकारी देते हुए विधिकारक विशाल जी मारू जो कि डग राजस्थान से प्रवचन देने आए हैं उन्होंने बताया कि भगवान महावीर का नाम जपने से अपने सभी कष्टों का नाश होता है। प्रभु महावीर जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर थे और इसके बाद जैन धर्म में कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। 

आज हम सभी तीर्थंकरों के जन्मवाचन को पढ़ते हैं और भगवान महावीर के जन्म होने पर खुशियां भी मनाते हैं। पर्यूषण पर्व आत्मा के उत्थान का पर्व है और इन आठ दिनों में प्रत्येक जैन भाई अधिक से अधिक समय मंदिर में देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन मंदिर में भक्ता बर का पाठ और प्रति रविवार को स्नात्र महोत्सव रखा जाता है उसमें प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य को उपस्थित होना चाहिए। 

इस रविवार स्नात्र महोत्सव के साथ भगवान के माता-पिता इन्द्र-इन्द्राणी बनेंगे और इन्द्र-इन्द्राणी की भूषभूषा में ही यह महोत्सव मनाया जाएगा। आज पर्यूषण के पांचवे दिन मनाई गई महावीर जयंती के अवसर पर 14 स्वप्न एवं पालने की बोली लगाई गई। पालने की बोली लेने वाले लाभार्थी पालना लेकर विभिन्न मार्गों होते हुए मंदिर पहुंचे जहां पालने जी को विराजमान किया गया। रात्रि में भक्ति का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। पर्यूषण के इन आठ दिनों में अंतिम दिन क्षमापना दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन बड़े प्रतिक्रमण के साथ समाज के सभी बंधु एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं।