
जिसके चलते कोलारस बदरवास सहित अन्य ग्रामीण अंचलों के मझेवा संगठन के पदाधिकारी इस संघ को और अधिक ताकतवर बनाकर अब जनससमयाओं का खुद ही समाधान करने का मन बना चुके है।
इस खबर से उनक कददावर नेताओं को चिंतित होने की आवश्यकता है जो इस संगठन के सहयोग से नेता बनने के बाद इस संगठन को पीठ बताकर राजनैतिक सुखभोग में बालि की तरह लीन हो गये है। वहीं अब इस संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ता एक बार फिर आगामी चुनाव की तैयारी को लेकर किसी समाजसेवी चेहरे पर अपना दाव लगाने की बात कर रहे है।