आदिवासियों ने लिया मृत्युभोज त्यागा: मनाया सहारिया क्रांति के संयोजक का जन्मदिन

शिवपुरी। सहरिया क्रांति के स्थापना दिवस पर सहरिया समाज द्वारा सर्वस मति से निर्णय लिया गया कि मृत्यु भोज की पर परा समाज में बंद की जाएगी। 5 अगस्त को सहरिया क्रांति के स्थापना दिवस और सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बैचेन के जन्मदिन के अवसर पर सहरिया समाज के कई गाँव के लोगों ने एक स्वर से इस बात पर रजामंदी जताई कि मृत्यु भोज एक सामाजिक बुराई है और दुखी परिवार पर थोपी गई दूषित पर परा है।

सहरिया समाज के लोगों ने कहा कि ऐसी मृत्यु भोज की परंपराओं का बहिष्कार किया जाना चाहिए। समाज बंधुओं ने मृत्यु भोज को लेकर यह निर्णय लिया कि 50 साल से कम आयु वर्ग के किसी महिला पुरुष का देहांत होता है तो उसका मृत्युभोज आयोजित नहीं किया जाएगा और न ही कोई इस तरह के आयोजन में सहभागिता करेगा। 

5 अगस्त को सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन का जन्म उत्सव होने के साथ-साथ सहरिया क्रांति का स्थापना दिवस भी उत्सव के रूप में मनाया गया। इस दौरान सहरिया समाज के लोगों ने क्रांति के संयोजक संजय बेचैन के निवास पर लोकगीत एवं भजनों की प्रस्तुतियाँ भी दीं।

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