
सहरिया समाज के लोगों ने कहा कि ऐसी मृत्यु भोज की परंपराओं का बहिष्कार किया जाना चाहिए। समाज बंधुओं ने मृत्यु भोज को लेकर यह निर्णय लिया कि 50 साल से कम आयु वर्ग के किसी महिला पुरुष का देहांत होता है तो उसका मृत्युभोज आयोजित नहीं किया जाएगा और न ही कोई इस तरह के आयोजन में सहभागिता करेगा।
5 अगस्त को सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन का जन्म उत्सव होने के साथ-साथ सहरिया क्रांति का स्थापना दिवस भी उत्सव के रूप में मनाया गया। इस दौरान सहरिया समाज के लोगों ने क्रांति के संयोजक संजय बेचैन के निवास पर लोकगीत एवं भजनों की प्रस्तुतियाँ भी दीं।