
ग्राम सिंकदपुरा में एक मात्र शिक्षिका नीरजा शर्मा पदस्थ है जो पिछले दो साल से स्कूल नही गई और विद्यालय को वहां पदस्थ 3 अतिथि शिक्षको के भरोसे छोड दिया। इसकी शिकायत ग्रामीणो ने सीएम हेल्पलाईन पर कीथी। जांच के लिए बीते रोज डीपीसी शिरोमणि दुबे सिंकदपुरा पहुंचे तो वहो अतिथि शिक्षक मिला।
जांच उपरांत ज्ञात हुआ कि यहां पदस्थ सहायक अध्यापिका नीरजा कब से स्कूल आई ज्ञात हुआ कि वह पिछले 2 साल से स्कूल नही आई ही नही है। ग्रामीणो ने बताया कि शिक्षिका जब से यहां पदस्थ हुई है। तब से 10 से 15 दिन में एकाध बार आ जाती है परन्तु पिछले करीब डेढ दो साल से तो उन्होने स्कूल की शक्ल ही नही देखी है।
इस पर सहायक शिक्षिका नीरजा शर्मा को जांच उपरांत आज निलबिंत कर दिया है। डीपीसी शिरोमणि दुबे का कहना है कि खास बात यह है कि स्कूल आए बिना नीरजा शर्मा ने हर माह का वेतन टाईम टू टाईम प्राप्त किया। जिसमें लिपिक सचिन अग्रवाल प्रदीप शर्मा सहित संकुल प्राचार्य राजेश श्रीवास्तव की मिली भगत रही है। इनकी भूमिका की जांच की जा रही है। उक्त लोगो से उस संपूर्ण वसूली का आदश्ेा भी जारी किया जाऐगा जो शिक्षिका को उक्त लोगो की मिली भगत से किया जा रहा था।
बताया जा रहा है कि सहायक शिक्षिका का पति पोहरी एसडीएम ऑफिस में बाबू था और वह इसी कारण पत्नी का नौकरी भी कागजो में चलवाता रहा। जांच उपरांत यह अनुपस्थित घोटाला सामने आया है। यहां जांच इस तरफ भी जा रही है कि नीरजा शर्मा की पोस्टिंग वर्ष 2006 में हुई। जांच में स्कुल आए बिना ही उसके वेतन कैसे आहरित होते रहे उसे सहायक अध्यापक कैसे बना दिया गया। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। इसमें जो भी शामिल होगा,उस पर कार्रवाई होगी
बताया यह भी जा रहा है कि नीरजा शर्मा का पति अनुराग द्धिवेदी वर्तमान में नरैया खेडी में अध्यापक है। इससे पूर्व उसने खुद को पोहरी एसडीएम के यहां अटैच करा लिया था। और वह स्कूल में पढ़ाने की बजाय सालो तक वहां बाबूगिरी करता रहा यह बात भी सामने आई है कि एसडीएम के खास होने की आड़ में वह अपनी पत्नि की नौकरी कागजों में चलवाते रहे।
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