बदरवास में कॉलेज के लिए उच्चशिक्षा मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल

बदरवास। बदरवास में कॉलेज खोलने की मांग को लेकर कॉलेज संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने बदरवास पधारे प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया से मुलाकात की तथा बदरवास में शीघ्र कॉलेज खुलने की मांग को लेकर एक ज्ञापन  उन्हें सौंपा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान कोलारस आये प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि अगले सत्र से बदरवास में कॉलेज खोल दिया जाएगा, लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बाद  अभी तक कॉलेज प्रारंभ नहीं हुआ है। 

श्री पवैया को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि बदरवास विकासखंड की आबादी लगभग दो लाख है तथा समीपस्थ अशोकनगर और गुना जिले के दो दर्जन से अधिक गाँव भी बदरवास से जुड़े हुए हैं।  प्रतिवर्ष यहां से हजारों छात्र छात्राएं कक्षा 12वीं पास करते हैं तथा आगे की पढ़ाई के लिए यहां कॉलेज न होने के कारण इनमें से अधिकांश अपनी पढ़ाई को कक्षा 12 के बाद रोक देते हैं। क्योंकि यहां के विद्यार्थी उच्च शिक्षा  हेतु गुना या शिवपुरी जाते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ऐसे पालक अपने बच्चों को महंगी उच्च शिक्षा बाहर भेजकर नहीं दिला सकते। सबसे खराब स्थिति क्षेत्र की बालिकाओं की है जिनमें से अधिकांश बालिकाएं कक्षा 12 के बाद अपने घर बैठ जाती है।

बदरवास में कॉलेज खोलने की मांग काफी लंबे अरसे से चल रही है तथा शिवपुरी जिले का एकमात्र विकासखंड बदरवास ऐसा स्थान है जहाँ कॉलेज नहीं है। कॉलेज के अभाव में यहां की सैकड़ों प्रतिभाएं प्रतिवर्ष दब जाती है। श्री पवैया को दिए गए ज्ञापन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि माननीय मुख्यमंत्री जी से गत वर्ष बदरवास में कॉलेज खोलने की घोषणा के संबंध में कॉलेज संघर्ष समिति द्वारा चर्चा की गई थी तथा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस मांग पर शीघ्र ही विचार करने का आश्वासन दिया गया था। 

इस मौके पर मौजूद पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन ने भी बदरवास में कॉलेज की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा कोलारस में उनके समक्ष की गई थी इस बात की पुष्टि की। पवैया ने बदरवास में कॉलेज की मांग को लेकर मिले प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना   तथा शीघ्र ही विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर कॉलेज संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल में गोविन्द अवस्थी, मनीष बैरागी, संजीव जाट, विजय शर्मा, कपिल परिहार, घनश्याम शर्मा, नरेंद्र जाट, गोपाल सत्यार्थी, आदि शामिल थे।