मिस्टर मिनिस्टर, फिर मत कहना कि यह सिंधिया का प्रायोजित कार्यक्रम है

एक्सरे@ललित मुदगल/शिवपुरी। पिछले 3 दिनों से शहर में भाजपा के 3 मंत्री शहर में थे। इस कारण शिवपुरी की राजनीतिक प्याली में तूफान आ गया। सबसे ज्याद उत्साह भाजपाईयो में जयभान पवैया को लेकर रहा। भाजपा में उत्साह शिवपुरी की शिक्षा को लेकर निराशा जनक रहा। इस दौरे में सिर्फ सामतंवाद का घिसापिटा मुद्दा हावी रहा, विकास नही। मंत्री जयभान सिंह पवैया प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री है, पर शिवपुरी के लिए यूपीए सरकार से स्वीकृत कराए कॉलेजो पर दो शब्द भी प्रकट नही हुए, ऐसा क्यो...? आईऐ इस मामले का शिवपुरी समाचार डॉट कॉम पर एक्सरे करते है। 

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया अपने प्रभार वाले जिले में जाने पूर्व शिवपुरी में 2 दिन रूके। मंत्री जी के आने के बाद महल विरोध हवाएं तेज हो गई और भाषण भी सांमतवाद के खिलाफ दिए गए। शिवपुरी के आम आदमी को, पवैया को गुना का प्रभार क्यों दिया गया। सांसद सिंधिया को इससे क्या फर्क पडता है, इससे कोई मतलब नही है। मतलब उन्हे है जो राजनीतिक है या राजनीति से लाभ लेना चाहते है। 

बात शिवुपरी की करते है। इस समय शिवपुरी संकट के दौर से गुजर रही है। शिवपुरी का आम नागरिक सिर्फ विकास की बात सुनना चाहता है। शिवपुरी का आम आदमी मत्रियों और नेताओं के वादो से पक चुका है। अब वह सिर्फ काम देखना चाहता है। पवैयाजी से भी यह उम्मीद थी कि वह विकास की बात करें। 

मंत्री जी ने विकास की बात नही की, केवल राजनीति की और सामंतवाद के खिलाफ बोला। सामतंवाद के खिलाफ बोलने से शिवपुरी के सड़कों के गढडे तो भरे नही, शिवपुरी की टोटियों में पानी तो आया नही, शिवपुरी के प्रस्तावित कॉलेजो के आगे के रास्ते तो खुले नही। ऐसा कुछ भी नही हुआ। 

शिवपुरी की जनता प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री से यह सुनना चाहती थी कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी के लिए जो 3 मेडिकल कॉलेज मंजूर करा कर लाए थे, उनका निर्माण कब तक पूरा हो जाएगा। आप उच्च शिक्षामंत्री हैं, आपका दायित्व बनता है कि इस बारे में बात करें, इस दिशा में काम करें। जनता आपसे बस यही सुनना चाहती है। इसके साथ एक खरीदो एक फ्री की तर्ज पर आप जो सुना दो, सब मंजूर, लेकिन इसके बिना आप किस काम के। इस दौरे में मंत्री का स्वागत हुआ, बैनर लगे होर्डिंग्स से शहर सजा और कश्मीर के आतंकवाद से लेकर ग्वालियर के सामतंवाद तक तालिया ठोकी गईं। बस शिक्षा की बात नहीं हुई। 

मंत्री महोदय को याद दिलाया जाए। आप शिवपुरी-गुना लोक सभा सीट से चुनाव लडे और ज्योतिरादित्य सिंधिया से हार गए, लेकिन पिछले चुनाव में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने बिना आपके सिंधिया को चुनाव हारा दिया, क्योंकि वो बातें नहीं विकास चाहती है। इतने भारी भरकम प्रोजेक्ट देने के बाद भी शिवपुरी की जनता उनसे संतुष्ट नही हुई और उन्हें हरा दिया, कारण योजनाओ का सही क्रियान्वयन न हो पाना। 

पूरा शहर जनता है कि सासंद सिंधिया अपनी यूपीए सरकार में मेडिकल कॉलेज, एनटीपीसी का इंजीनियरिंग कॉलेज और नेशनल पवार प्लांट ट्रेनिंग इंस्टीटूयूट स्वीकृत करा लाए थे। आप की सरकार ने केवल मेडिकल कॉलेज के नाम पर अभी तक जमीन ही दी है। बाकी बचे दो कॉलेजो की अभी तक एबीसीडी तक शुरू नही हुई है। 
उच्च शिक्षाा मंत्री से शहर यह उम्मीद कर रहा था कि वे इन कॉलेजो के विषय में भी दो शब्द कहेंगे पर ऐसा नही हुआ। जनता इस समय बदलाव के मूड में है। वह सिर्फ अपने शहर में विकास चाहती है। गुटबाजी से या सामतंवाद से उसे कोई मतलब नही है। वह सिर्फ उसको सुनेगी जो ना केवल विकास की बात करेगा बल्कि उसे धरातल पर क्रियान्वयन भी कराऐगा। आप पूछिए आपकी सरकार से कि पिछली यूपीए सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉलेज 3 साल बाद भी शुरू क्यों नहीं हुए। 

गलती केवल आपकी भी नहीं है। दरअसल, जिन्होंने आपका स्वागत सत्कार किया, उन्हें भी शिवपुरी के विकास से कोई सरोकार नहीं है। उनकी पूरी राजनीति ही सामंतवाद के विरोध से चमकती है लेकिन मिस्टर मिनिस्ट आप यह समझ लें कि जनता अब ना सिंधिया को देख रही है और ना ही सिंधिया के विरोधियों को। वो पूरी तरह से स्वार्थी है, अपने विकास के लिए। जो काम की बात करेगा, उसी का स्वागत किया जाएगा। फिर वो सिंधिया हो या पवैया। आगे शिवपुरी आईऐे तो इन कॉलेजो पर होमवर्क करके आए। उनकी क्रियांनवयन की बात कीजिएगा। नही तो शिवपुरी का युवा आपका विरोध करें, आपके खिलाफ प्रर्दशन करे, तो मत कहना कि मेें सामतंवाद के खिलाफ लडाई लड रहा हूॅ और यह सिंधिया का प्रस्तावित कार्यक्रम है।