
जिन छात्रों को निशाना बाया है उनमें कक्षा छह के छात्र हरिओम और एक अन्य छात्र अभय शामिल हैं। स्कूल के शिक्षक-शिक्षकाओं का कहना है कि यह बंदर पिछले 15-20 दिन से आए दिन मध्यान्न भोजन के समय स्कूल में आ जाता है और रोटी, पुडी आदि छीन कर ले जाता है।
यदि एमडीएम नहीं दो तो वह बच्चो पर अटैक कर देता है। आज भी इसने दो छात्रों को काट लिया। कक्षा तीन के एक छात्र मंगल के कंधे पर करीब पांच मिनट तक बैठा रहा, होलांकि उसने मंगल को कुछ नहीं किया। बंदर को जैसे ही एमडीएम दे दिया वह उसे लेकर वहां से भाग गया।
स्कूल में बंदर की इतनी दहशत है कि शिक्षिकाऐं अपने हाथों में डंडा लेकर पढ़ा रही हैं। अगर कोई स्कूल में पहॅुच जाता है तो वह यह कहती हैं क डंडा बच्चों के लिए नहीं बल्कि बंदर के लिए है। वह आकर बच्चों को काट न ले इसलिए यह डंडा हाथ में लेना पड़ता है।
वहीं मंगल के लिस बच्चे के कंधे पर बंदर करीब पांच मिनट तक बैठा रहा, उसका कहना है कि जब बंदर उसके कंधे पर बैठा था उसे डर नहीं लगा। उसके अनुसार वह हनुमानजी का भक्त है। हर मंगलवाल बांकड़े जाता है और बंदरों को खाना खिलाता है। यही कारण है कि बंदर ने उसे नहीं काटा।