शिवपुरी। कस्बा मगरौनी की उप नगरी किशनपुर के निवासी पूर्व जनशिक्षा प्रभारी ल मीचंद शाक्य के सुपुत्र मुकेश शाक्य 12 वर्ष पूर्व भोपाल से आते समय लापता हो गए थे। 12 वर्ष के उपरांत संत जमात के साथ मुक्तानंद महाराज बनकर ग्राम किशनपुर मगरौनी अपने घर वापस लौटे मुक्तानंद महाराज का पूर्व सरपंच तथा कांग्रेस नेता सरवन सिंह कंषाना के निवास पर स्वागत किया गया।
मुक्तानंद महाराज के साथ द्वारिका, नागेश्वर महादेव के अग्निअखाड़ा गुजरात के 10 संत साथ थे। संतों ने भी धार्मिक प्रवचन किए। मुक्तानंद महाराज का कांग्रेस नेता केएन पाठक, फूल सिंह कंषाना, वकीला कंषाना, देवी सिंह कंषाना, संजय सिंह कंषाना, सीताराम गुर्जर, रहमान खां तथा पूर्व जनशिक्षा प्रभारी बीएल शाक्य ने स्वागत किया। इस अवसर पर मुक्तानदं महाराज ने कहा कि भाईयों मैं बाबू जी बनकर आता तो दो हजार जनता मेरे स्वागत में नहीं आती।
इसी लिए में संत बनकर आया हूं। इसलिए सनातन धर्मावलंबियों ने स्वागत किया। इसके लिए मैं आभारी हूं। मुकेश शाक्य 12 वर्ष पूर्व लापता हो गए थे। उनके पिता एलसी शाक्य द्वारा जगह-जगह उनको खोजा गया, परन्तु वे नहीं मिले। तो वह निराश होकर घर बैठ गए थे। उन्होंने कर्ई धार्मिक मंदिर बनबाए और पुण्य धर्म किया इसके फल स्वरूप अचानक ही संत मण्डली के साथ मुक्तानंद महाराज यहां पधारे।
किन्तु महाराज ने गृहस्थ जीवन में लौटने से इन्कार कर दिया। उनके पिताश्री ने भी सहृदय से संत मंडली को मुक्तानंद महाराज सहित विदा किया। मुक्तानंद महाराज का आश्रम गुजरात द्वारका नागेश्वर महादेव के पास अग्निअखाड़ा गुजरात प्रदेश में हैं।