
बताय गया है कि यह घटना 22 जून से 25 जून के बीच की है। बलात्कारियों के चंगुल से छूटने के बाद महिला अपने मायके में चली गई जहां बदनामी के डर से उसने और मायके बालों ने अपहरण और गैंग रेप की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।
लेकिन जब वह अपने घर पहुंची और पति ने उसे हि मत दिलाई तब कहीं जाकर उक्त महिला अपने पति के साथ थाने पहुंची जहां उसने पांचों आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 342 और 376 डी का मामला दर्ज कराया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 वर्षीय महिला रजनी(परिवर्तित नाम) 22 जून की रात्रि घर के बाहर खड़े बैलों को भगा रही थी उसी समय आरोपी संग्राम, मलखान यादव और परमाल यादव ने रजनी को अगवा कर लिया और उसे आरोपी मलखान अपने घर ले आया।
जहां तीनों आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक रूप से बलात्कार किया। आरोपियों ने पीडि़ता को एक घंटे रखा इसके बाद तीनों ने उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी और मुंह को बंद कर उसे जंगल में ले गए जहां दो आरोपी अशोक और पपूलीया यादव वहां पहले से ही मौजूद थे।
उन्होंने भी महिला के साथ बलात्कार किया। इसके बाद पांचों आरोपी उसे 23 जून को ग्राम टोड़ा ले आए। आरोपियों ने उसे एक मकान में रखा और महिला को बेहोशी का इंजेक्शन दिया। 25 जून को जब महिला होश में आई तो वह आरोपियों के चंगुल से भागने में सफल हो गई। इसके बाद पीडि़ता अपने मायके कालीपहाड़ी पहुंची और उसने अपने माता पिता को पूरा घटनाक्रम बताया।