धोखाधड़ी में जेल में बंद कैदी की मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

शिवपुरी। जिले कि पिछोर उप जेल में धोखाधड़ी के आरोप में कैद मुरारीलाल जाटव की बीती रात जेल में रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई। जेलर रोहणीदास पिकले का कहना है कि उसकी हृदयाघात से मौत हुई है, लेकिन उनके कथन का पिछोर अस्पताल के डॉक्टर ने समर्थन नहीं किया है।

वहीं मृतक मुरारीलाल के पुत्र का आरोप है कि उसके पिता की हत्या की गई है। हत्या का मामला दर्ज किए जाने को लेकर मृतक मुरारीलाल के परिजन पिछोर थाने के बाहर धरना दे रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार मुरारीलाल पुत्र शिवा जाटव उम्र 35 वर्ष निवासी जेल कॉलोनी के पास संकट मोचन पिछोर को 11 जनवरी 2015 को न्यायालय ने धोखाधड़ी का आरोपी मानते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। तब से मुरारी जेल में बंद था।

कल शाम मृतक मुरारीलाल के परिजन उससे मिलने के लिए आए तब तक वह पूरी तरह स्वस्थ था। मुरारीलाल का निवास स्थान भी जेल के पास ही है। जेलर के अनुसार रात दो बजे के लगभग मुरारीलाल की तबियत अचानक खराब हुई। उसने सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उसे इलाज के लिए पिछोर अस्पताल ले जाया गया। 

परन्तु चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। ड्यूटी डॉ. श्री शर्मा से जब पूछा गया कि क्या मृतक मुरारीलाल की मौत हृदयघात से हुई तो उनका जवाब है कि पीएम रिपोर्ट के बाद मौत के कारण का खुलासा होगा। उन्होंने यह कह कर इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया कि मृतक मुरारीलाल की मौत अस्पताल आने के एक घंटे पहले ही हो चुकी है। 

मृतक के परिजनों का कथन है कि यदि मुरारी की तबियत रात में खराब हुई तो उन्हें सूचित क्यों नहीं किया गया जबकि उनका घर जेल के बिलकुल पास है। जबकि जेलर रोहणीदास  का कहना है कि तबियत खराब होने के तुरंत बाद मृतक को अस्पताल परीक्षण हेतु ले जाया गया था। बताया जाता है कि जेल से अस्पताल की दूरी तय करने में पांच मिनिट से अधिक समय नहीं लगता।

संदिग्ध मौत की कहानी को इसलिए भी बल मिलता है कि कल मृतक का पुत्र उससे मिलने आया था तब वह पूरी तरह स्वस्थ था। इन कारणों से मौत के बाद मृतक के परिजनों ने थाने के सामने हंगामा खड़ा कर दिया और जेलर के खिलाफ कार्यवाही को लेकर थाने का घेराब शुरू कर दिया। मृतक के परिजनों की मांग है कि दोषी जेल अधीक्षक पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए। 

आश्वासन के बाद धरना किया समाप्त
मृतक के परिजनों ने पिछोर थाने के सामने लगभग एक घंटे तक धरना दिया और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। बताया जाता है कि इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस मामले में पीएम रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी। इस आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया।