
बकौल भाजपा नगर महामंत्री हरिओम राठौर, नपाध्यक्ष द्वारा शहर में कोई भी विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं और अपनी गलती छुपाने के लिए हल्लाबोल कार्यक्रम आयोजित कर जनता की सहानुभूति लूटने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रेस को जारी बयान में नपाध्यक्ष पद का चुनाव भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़े हरिओम राठौर ने कहा कि सभी जानते हैं शिवपुरी में जो इस समय अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है वह नगर पालिका द्वारा संचालित किया जा रहा है। कांग्रेस के नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने खुद कर्ई बार कहा कि यह अभियान नगर पालिका का है और प्रशासन सिर्फ सहयोगी भूमिका का निवर्हन कर रहा है।
ऐसे में साफ है कि यदि कांग्रेस अतिक्रमण विरोधी अभियान में मनमानी और ज्यादती को मुद्दा बनाकर हल्ला बोल कार्यक्रम आयोजित कर रही है तो वह सिर्फ जनता को भ्रमित करने और नपाध्यक्ष के अपने दोष छुपाने की एक चाल है। कांग्रेस द्वारा आंदोलन का झूठा नाटक रचा जा रहा है।
कौन नहीं जानता कि कोर्ट रोड़ पर जब व्यापारियों के निर्माण कार्य टूट रहे थे तो व्यापारी कांग्रेस के धरना स्थल पर पहुंचे थे और उनसे अनुरोध किया था कि वह जनता का नेतृत्व करें ताकि किसी के सही निर्माण कार्य नहीं टूटने पायें, लेकिन नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह से लेकर कांग्रेस के किसी भी नेता ने जनता और व्यापारियों का साथ नहीं दिया था।
जबकि व्यापारी इस संबंध में प्रदेश सरकार की मंत्री और स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया से मिले तो उन्होंने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी के भी निर्माण कार्य बिना वैधानिक कागजातों का परीक्षण करें नहीं तोड़े जाएं। इसी का परिणाम यह हुआ कि कोर्ट रोड़ पर नगर पालिका द्वारा मनमाने पूर्ण तरीके से अतिक्रमण हटाने का कार्यक्रम रूका।
हालांकि इससे कांग्रेस के दो पदाधिकारी जिला कांग्रेस महामंत्री राकेश जैन आमोल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा लाभान्वित हुए। सच्चाई यह है कि पूरे शहर में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलता रहा, लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध नहीं किया।
नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारियों ने अतिक्रमण हटाने में भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया। परन्तु जब कांग्रेस नेताओं के निर्माण कार्य टूटने आए तब कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाकर 15 जुलाई को हल्लाबोल कार्यक्रम आयोजित किया। जब आम नागरिकों के मकान टूट रहे थे तब ये कांग्रेसी कहां चले गए थे।