
यदि चोरी की घटना नहीं हुई है और रिपोर्ट लिखाई गई है तो इस मामले में झूठी लिखाने का मामला फरियादी पर दर्ज किया जा सकता है। सूत्र यह भी बताते हैं कि इस मामले में मंदिर का पुजारी शक के घेरे में है। शक का आधार यह बताया जा रहा है कि पहले मंदिर का ताला चाबी से खोला गया और फिर इसे चोरी का रूप देने के लिए ताले को आरी से काटा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैराड़ से तीन किमी दूर स्थित टौरिया माता के मंदिर में 29-30 जुलाई की दर यानी रात चोरों ने धावा बोला। फरियादी सरपंच पालो के अनुसार चोर मंदिर से नगदी सहित सोने चांदी के जेबरात उड़ाकर ले गए। उन्होंने मंदिर की दानपेटी भी उड़ा दी जो कि चार साल से नहीं खुली थी।
चुराए गए सामान में दानपेटी के अतिरिक्त एक चांदी का मुकुट, सोने की नथ, सोने का बेंदा, सोने के दो मंगलसूत्र, हार आदि शामिल हैं। पुलिस चोरी की इस घटना को प्रथम दृष्टि से ही संदिग्ध मान रही थी और जांच के बाद पुलिस की आशंका मजबूत हुई है वहीं फरियादी द्वारा हाथ खींचने से शक की बुनियाद और मजबूत हो गई है।