गाईड लाईन और जनता को विश्वास को लेकर अतिक्रमण हटाए: पदम चौकसे

शिवपुरी। पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष पदम चौकसे ने प्रेस बयान के जरिये अपनी भावनाएं स्पष्ट करते हुए कहा कि शहर को सुन्दर और अच्छा बनाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से जो अतिक्रमण हटाने की मुहिम छेड़ी गर्ई है वह स्वागत योग्य है, लेकिन प्रशासन और नगर पालिका के कुछ अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान को पलीता लगाने में लगे हैं। 

यही कारण है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान में पारदर्शिता का अभाव दिखाई दे रहा है। मनमाने पूर्ण तरीके से निशान लगाए जा रहे हैं किसी को छोड़ा जा रहा है और किसी को बख्शा जा रहा है। यही कारण है कि बहुत जल्द ही यह अभियान अब दम तोड़ता नजर आ रहा है। 

श्री चौकसे का कहना है कि अतिक्रमण हटाने से पूर्व यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि उसे क्यों हटाया जा रहा है। अतिक्रामक कहे जाने वाले व्यक्ति के दस्तावेजों का परीक्षण कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए, लेकिन यह देखने में आया है कि वैधानिक कागजात होने पर भी उन्हें दरकिनार कर दिया गया। 

यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि अतिक्रमण मानकर किसी स्थान को खाली कराया जा रहा है या फिर उसका अधिग्रहण किया गया है। सरकार को जमीन अधिगृहित करने का अधिकार है, लेकिन अधिग्रहण की स्थिति में प्रभावित पक्ष को मुआवजा दिया जाना चाहिए। 

श्री चौकसे ने बताया कि नगर पालिका के कर्मचारी मनमाने ढंग से अतिक्रमण के नोटिस दे रहे हैं। नोटिस देने में किसी भी तरह के क्राईट ऐरिया और गाईड लाईन का पालन नहीं किया जा रहा। अतिक्रमण विरोधी अभियान सुनिश्चित रणनीति के तहत नहीं चलाया जा रहा। 

जबकि यह अभियान एक सिरे से चलना चाहिए। लेकिन किसी भी हिस्से में अभियान पूर्ण हुए बिना उसे दूसरे हिस्से में ले जाया जा रहा है। जिससे पक्षपात के आरोपों को मजबूती मिल रही है। श्री चौकसे ने प्रशासन से अपील की है कि अभियान चलाने के पूर्व गाईड लाईन स्पष्ट कर जनता को विश्वास में लिया जाए।

बडा सवाल: जनता क्यों ले नगर पालिका से निर्माण अनुमति: दीपक गोयल
हनुमान मंदिर क्षेत्र में अतिक्रमण अभियान के तहत जो 7 फुट बाई 165 का निर्र्माण अवैध मानकर हटाया गया है उसके मालिक दीपक गोयल का कहना है कि उनके पास पूरे निर्माण की नगर पालिका से अनुमति है। इसके बाद भी उनका निर्माण तोड़ दिया गया। जब ऐसी स्थिति है तो लोग नगर पालिका से निर्माण अनुमति क्यों लेंगे।