
ज्ञापन देने से पूर्व छात्रों ने जब आजादी के नारे लगाए और अपना स्वर बुलंद कर आकाश गुंजाया की सीवर की खुदाई से आजादी, रोजगार गड्डों से आजादी, हमें धूल से दे दो आजादी, सूखे से चाहिए आजादी, हम लेकर रहेंगे आजादी तो उपस्थित जनसमुदाय ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया।
छात्रों ने ज्ञापन में कहा कि हम शिवपुरी के विद्यार्थी हैं जो अपने भविष्य के लिए बाहर अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन जब शिवपुरी आते हैं और इस नगरी का निरंतर अधोपतन देखते हैं तो हमारी चिंता बढ़ जाती हैं। सीवर प्रोजेक्ट का उदाहरण देते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि शहर में अनेक स्थानों पर सडक़ें और रास्ते खोद दिए गए हैं।
पाईप लाईन डालने के बाद सडक़ का समतली करण नहीं किया जिससे छोटे और बड़े गड्डे बन गए हैं। जिससे आए दिन दुर्घटनायें घटित हो रहीं है। बरसात में स्थिति और बिगड़ेगी।
जबकि होना यह चाहिए कि एक स्थान पर सडक़ खोद कर पाईप लाईन डाली जाए और उसके समतली करण के बाद दूसरे स्थान पर सडक़ खोदी जाए। जबकि ऐसा नहीं किया गया और प्रशासन ने भी इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाये। ज्ञापन देने वाले छात्रों में उज्जवल गोयनका, मिसकिन गौतम, अमित परमार, आदित्य श्रीवास्तव, आकाश बोरा, वेदांत ढींगरा, प्रेम शर्मा, प्रेम शर्मा, कुलदीप पाराशर आदि शामिल हैं।
डिप्टी कलेक्टर प्रसाद ने दी कोर्ट जाने की सलाह
छात्रों ने जब डिप्टी कलेक्टर प्रसाद को ज्ञापन सौपा और कहा कि शिवपुरी की स्थिति के कारण उनका संविधान द्वारा प्रदत्त जीने का अधिकार प्रभावित हो रहा है। इस पर डिप्टी कलेक्टर प्रसाद ने उन्हें सलाह दी कि यदि ऐसा हो रहा है तो वे न्यायालय जाकर अपने संवैधानिक अधिकार की रक्षा करें।