
डीप बोरिग के बढ़ते चलन ने जहां भूगर्भ जल स्तर को प्रभावित किया है, वहीं अब इससे समय से पहले बुढ़ापे का खतरा भी बढ़ गया है। भागा पॉलिटेक्निक के हाल के शोध में यह बात सामने आई है। झारखंड राज्य के धनबाद शहर के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में हुए शोध के बाद जो डेटा एकत्रित किया गया है, उसमें यह बात सामने आई है कि डीप बोरिग से पानी अधिक मात्रा में तो मिल रहा है पर उसमें फ्लोराइड की मात्रा भी अधिक है। इससे दांत पीले होने के साथ-साथ हड्डियों में ढेढ़ापन जैसी बीमारी बढ़ेगी जिससे अकाल बुढ़ापा आएगा।
वर्षा जल इतनी गहराई तक नहीं पहुंच पाता है जिससे नाइस में मौजूद फ्लोराइड पानी में घुल जाते हैं और मानक से अधिक फ्लोराइडयुक्त पानी निकलता है।
घरों में पानी को शुद्ध बनाने के लिए आरओ का चलन बढ़ा है। लोगों का मानना है कि आरओ से पानी पूरी तरह शुद्ध हो जाता है। डॉ. यादव के अनुसार आरओ से डीप बोरिग वाले पानी में फ्लोराइड की मात्रा कुछ हद तक कम होगी पर शत-प्रतिशत फ्लोराइड दूर नहीं होगा और खतरा बना रहेगा।