
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडि़ता काशी बाई का विवाह आरोपी भरत लाल परिहार के साथ हुआ था। विवाह से पूर्व आरोपी अपने आपको किसान और व्यापारी बताया था। जिसे देखकर पीडि़ता के पिता ने आरोपी के साथ अपनी पुत्री का विवाह रचा दिया, लेकिन विवाह के बाद ज्ञात हुआ कि आरोपी निक्कमा और निठल्ला है। वह कोई काम नहीं करता है।
इससे काशी बाई काफी आहत हुई। लेकिन फिर भी उसने आरोपी के साथ जीवन विताने का निर्णय लिया, लेकिन आरोपी आए दिन उसकी मारपीट करता और उसे घर खर्र्चे के लिए पैसे नहीं देता था। यहां तक की जो भी पैसे वह जोड़ती आरोपी उन्हें छीन लेता और खर्च कर देता जिससे वह काफी परेशान थी।
कल आरोपी ने काशी बाई से रूपए मांगे लेकिन पीडि़ता ने रूपए देने से इन्कार कर दिया। जिससे नाराज होकर आरोपी ने उसकी पिटाई लगा दी। इसके बाद पीडि़ता थाने पहुंची और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।