बुआ को सौंपी गई बालिका, माता पिता और चाचा को किया गया इन्कार

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शिवपुरी। पुलिस को लावारिस हालत में झांसी तिराहे पर मिली बालिका सुमन शर्मा जो इस समय शिवपुरी के बालगृह में है। उसे लेने के लिए उसकी माँ पूजा बाथम, कल्याण शर्मा और चाचा सुनील शर्मा ने अपना दावा प्रस्तुत किया, लेकिन बाल कल्याण समिति ने  इन तीनों से अधिक उसकी बुआ रूकमणी शर्मा के दावे को माना। 

बाल कल्याण समिति ने उसकी बुआ रूकमणी निवासी कोलारस को उक्त बालिका सुपुर्द किये जाने का आदेश बालगृह को जारी किया। उसकी शिक्षा एवं पालन पोषण की जि मेदारी उसकी बुआ रूकमणी के जि मे रहेगी। जबकि उसकी देखरेख उसके चाचा सुनील शर्मा करेंगे। समिति के निर्णय से बुआ एवं दोनों भाईयों से मिलकर उक्त बालिका सुमन शर्मा काफी प्रसन्न नजर आई। 

परिवार की स्थिति का बच्चों पर कितना प्रभाव पड़ता है इसका उदाहरण उक्त बालिका सुमन शर्मा है। सुमन शर्मा अपने पिता सुनील शर्मा और माँ पूजा की बेटी है, लेकिन दोनों पति-पत्नि अब बिल्कुल अलग हो चुके हैं। पूजा अपने पति को छोडक़र कोमल बाथम के साथ रह रही है और उसके पिता सुनील शर्मा न केवल शराब में धुत्त रहते हैं बल्कि कोई काम धंधा भी नहीं करते। इसी कारण दोनों के बच्चे काफी दु:खपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं। 

माँ के घर छोड़ देने से सुमन अपने पिता के साथ रह रही थी। साथ में ही उसके दो भाई भी थे, लेकिन वे पूरी तरह भगवान के भरोसे थे। तंग आकर सुमन घर छोडक़र चली गई और पिछले दिनों डायल 100 ने उक्त बालिका को लावारिस हालत में झांसी तिराहे से बरामद कर बालगृह में भेजा। बालगृह में भर्ती होने के बाद उसे लेने के लिए उसके पिता, माँ और चाचा तीनों आए। 

लेकिन बालिका के हित को देखते हुए बाल कल्याण समिति ने उक्त बालिका को बालगृह में रखने का आदेश जारी किया और मामले की अगली तिथि निर्धारित की। उस तारीख पर बालिका की बुआ भी उसे लेने के लिए उपस्थित हुई। समिति ने माता और पिता को बच्ची सौंपने से इन्कार कर दिया। अब फैंसला चाचा और बुआ के बीच होना था, लेकिन चाचा के अविवाहित होने पर और बालिका तथा उनके भाईयों और चाचा से सलाह मसबिरा करने के बाद समिति ने उक्त बालिका को बुआ को सौंप दिया। 

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