CWC टैंशन में: एक बालिका तीन दावेदार, बालिका को भेजा बाल ग्रह

0
शिवपुरी- विगत दिवस चाइल्ड लाइन शिवपुरी द्वारा बाल कल्याण समिति की न्यायपीठ के समक्ष प्रस्तुत प्रकरण के अनुसार एक 12 वर्षीय बालिका (परिवर्तित नाम) रीता  को लेने तीन दावेदार उपस्थित होने से न केवल बालिका भ्रमित हुई वहीं सी.डब्ल्यू.सी. भी टैंशन में आ गई है। 

ऐसी स्थिति में समिति ने सभी की काउंसिलिंग कर विचार विमर्श उपरांत आगामी कार्यवाही होने तक, देखरेख व संरक्षण हेतु बालगृह में भेजने का निर्णय लिया।

प्रकरण के मुताबिक अहीर मोहल्ला पुरानी शिवपुरी निवासी कल्याण शर्मा 15 वर्ष पूर्व अन्य प्रदेश से एक अन्य जाति की महिला को ले आया था और अपना घर बसा लिया था, जिनसे दो बालक व एक बालिका ने जन्म लिया, किंतु महिला के कथनानुसार वह कल्याण शर्मा की गंदी आदतों से पीडित रही और शोषण व उत्पीडन भी हुआ।

जिससे तंग आकर वह एक दिन 7वर्ष पहले गौशाला निवासी कोमल बाथम के साथ भाग गई और अपना घर बसा लिया किन्तु तीनों बच्चों को पूर्व पति के पास ही छोड गई चूंकि पूर्व पति कल्याण शर्मा दारू पीने का आदि था और ड फरों पर कार्य करने निकल जाता था।

ऐसी स्थिति ामें तीनों छोटे बच्चों को कल्याण शर्मा का छोटा भाई सुनील शर्मा पुजारी निवासी कराहल अपने घर ले गया जहां बच्चों का पालन-पोषण किया गया दो माह पूर्व सुनील शर्मा बालिका के मिलने मिलाने कल्याण शर्मा के पास शिवपुरी छोड गया था।

जहां वह पिता की आदतों से तंग आकर घर से बाहर मां की तलाश में निकल गई, जहां संदेह होने पर झांसी तिराहा क्षेत्र में पुलिस 100 के हाथ लग गई और देहात थाने को सौंप दी, जहां पूछताछ उपरांत बालिका ने मां के घर का पता बताया।

जिस पर पुलिस ने तुरंत गौशाला में निवासरत मां (परिवर्तित नाम) सुमन के नये घर छोड दिया, इधर कल्याण शर्मा ने अपनी बालिका की गुमशुदगी की सूचना चाइल्ड हेल्प लाइन को दी, जिस पर चाइल्ड लाइन ने खोजबीन कर उक्त बालिका को परिवारजनेां को सी.डब्ल्यू.सी. की न्यायपीठ के समक्ष 25 अप्रैल को पेश किया।

जहां पर बालिका के पिता कल्याण शर्मा व चाचा सुनील शर्मा और वर्तमान पिता कोमल बाथम एवं मां भी बालिका को लेने उपस्थित हुये बालिका के चाचा का कहना था कि बालिका को बचपन से मैंने पाला है।

इसलिये सर्वप्रथम मेरा अधिकार बनता है। और मां का कहना था कि चूंकि बच्ची को मैंने जन्म दिया है, इसलिये मेरा अधिकार पहला बनता है, वहीं पिता कल्याण शर्मा निरन्तर बालिका को अपने सुपुर्द लेने की रट लगाये रहे, यद्यपि बालिका की सहमति अपनी मां के साथ जाने की थी।

किंतु विवादास्पद स्थिति निर्मित होने के कारण बाल कल्याण समिति की न्यायपीठ ने बालिका के हित को सर्वोपरि देखते हुये, आगामी कार्यवाही होने तक उचित देखरेख व संरक्षण हेतु बालगृह में भेजने का निर्णय लिया और तीनेां दावेदारों को अपने घर जाने केा कहा, उक्त महत्वपूर्ण निर्णय में समिति के अध्यक्ष श्री जिनेन्द्र कुमार जैन व सदस्या श्रीमति उमा मिश्रा और विनय राहुरीकर की प्रमुख भूमिका रही।
इनका कहना है 
एक साथ तीन दावेदारों के उपस्थित होने से एवं विवादास्पद स्थिति उत्पन्न होने के कारण, साथ ही बालिका के अन्दर भ्रम व भय की स्थिति बनने से फिलहाल एक माह के लिये आगामी कार्यवाही होने तक देखरेख व संरक्षण हेतु बालगृह भेजी है, एक माह बाद पुन: काउंसिलिंग उपरांत बालिका की सहमति के आधार पर बालिका के हित में निर्णय लिया जावेगा।
जिनेन्द्र जैन 
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!