
सहरिया क्रांति ने दोषियों सहित मूक दर्शक बने बैठे अधिकारियों के विरुद्घ भी कार्यवाही की माँग की है। आदिवासियों के प्रतिनिधि मण्डल से यशोधरा राजे सिंधिया ने ठोस कार्यवाही किए जाने की बात कही। सहरिया क्रांति सुभाषपुरा सेक्टर के आदिवासियों ने मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को सौंपे लिखित ज्ञापन में कहा कि दिलीप बिल्डिकॉन कंपनी द्वारा किए जा रहे फोरलेन निर्माण कार्य के लिए उपयोग में लाई जा रही मुरम हम गरीब आदिवासियों के खेतों से लाई जा रही है।
कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने प्रशासनिक मिलीभगत से हम गरीब आदिवासियों के खेतों में बड़ी बड़ी मशीनें उतार दीं है। इन मशीनों द्वारा हमारे खेतों में बड़े बड़े गड्डे खोदकर उन्हें तालाबनुमा बना दिया है।
आदिवासियों ने मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से गुहार लगाई कि वे हम गरीब आदिवासियों की रोजी रोटी का एकमात्र साधन इन खेतों को खुदने से बचायें और क पनी कर्मचारियों तथा स्थानीय दबंगों पर कार्यवाही करवायें।
आदिवासियों ने मंत्री से कहा कि उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाए जो हम आदिवासियों के खेतों को खोदने का सिलसिला मूक दर्शक बनकर देख रहे हैं।
आदिवासियों ने कहा कि हमारी पट्टों की सैंकड़ों बीघा जमीन खोदकर खाई में तब्दील कर दी है और हम अब भूखों मरने की कगार पर आ गए हैं। आदिवासियों की इस शिकायत पर मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने तत्काल कलेक्टर की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि इन आदिवासियों के साथ अगर अन्याय हुआ है।
तो तत्काल कार्यवाही कर मुझे सूचित करें। ज्ञापन सौंपने वालों में सहरिया क्रांति सुभाषपुरा सेक्टर के ब्रजमोहन आदिवासी, राजेन्द्र आदिवासी, अर्जुन आदिवासी, साबु आदिवासी, चंदन आदिवासी, शिवराम आदिवासी, राजाबेटी आदिवासी, बैजन्ती बाई आदिवासी, नबाव आदिवासी, रवि आदिवासी सहित लगभग आधा सैंकड़ा आदिवासी शामिल थे।