
जानकारी के अनुसार कस्बे में निवासरत लालाराम प्रजापति की अबोध बालिका मुस्कान किसी काम से नगर के मु य बाजार में गई थी और जब वह सड़क पार कर रही थी तभी शिवपुरी की ओर से आ रही एक सफेद आई 10 कार ने जोर से टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी तेज थी कि बालिका घटना स्थल से कम से कम 15 फीट दूर जा कर गिरी तभी वहां उपस्थित दुकानदारों ने उक्त वाहन को रोकने का प्रयास किया मगर कार चालक घटना स्थल से भाग खड़ा हुआ।
इस घटना को देखते हुए नरेन्द्र यादव, नगर परिषद के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र यादव घटना स्थल पर पहुॅचे और उन्होने घायल बालिका को उठाया और बदरवास स्वास्थ केन्द्र उपचार अस्पताल पहुॅचे।
जहां अस्पताल में कोई चिकित्सक उपस्थित नहीं था। स्टाफ के नाम पर मात्र एक नर्स ही उपस्थित थी जिसने घायल बालिका का उपचार शुरू कर दिया। बालिका की बिगडती हालत को देखते हुये घायल बालिका के परिजन डयूटी पर तैनात डॉक्टर अशोक राजदान को बुलाने उनके घर पहुॅचे तो डॉक्टर की पत्नि ने उन्हें बैरंग लौटा दिया।
चिकित्सक की पत्नि बैरंग वापस लौटाये नागरिक
नगर परिषद के उपाध्यक्ष डॉक्टर को बुलाने गए तो उनके पीछे लोगों का हुजूम दौड़ पड़ा। डॉक्टर राजदान के घर पहुॅचने पर डॉक्टर तो बाहर नही आए उनकी पत्नि बाहर आई और रौब झाड़ते हुये बोली बच्ची मरती है तो मर जाऐ डॉक्टर साहब अभी खाना खा रहे है।
आप लोग यहॉ से चले जाओ डॉक्टर की पत्नि के इतना कहते ही उपस्थित लोग आक्रोशित हो उठे और डॉक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे इसके बाद चिकित्सक बाहर आए तो उन्होने ने भी मानवीयता को तांक पर रखते हुये उपस्थित जनसमुदाय से अभद्रता से पेश आने के बाद घायल बच्ची का उपचार किया।
बदरवास स्वास्थ केन्द्र में पदस्थ कर्मचारियों के व्यवहार पर सवालिया निशान लगा दिया है? कि जब नगर के एक जि मेदार नागरिक से डॉक्टरों का ऐसा व्यवहार है आम जनता से कैसा होगा।.....?
इनका कहना-
उक्त घटनाक्रम में डॉक्टर द्वारा किया गया अमानवीय व्यवहार मेरे मन को झकझोर गया। हम जनप्रतिनिधियों से जब ऐसा व्यवहार किया जा रहा है तो आम आदमी का क्या होगा और अगर ऐसे ही हालात रहे तो एक दिन मुझे टेन्ट लगाकर धरने पर बैठूंगा।
भूपेन्द्र यादव
उपाध्यक्ष नगर परिषद बदरवास