
कई बार ग्रामीण अंचलों से संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों को इसकी सूचना दूरभाष पर दी लेकिन विगत 24 घंटे बीत जाने के बाद भी 33 के.व्ही. लाइन चालू समाचार लिखे जाने तक नहीं हो सकी।
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बिजली विभाग में बेपरवाह कर्मचारी एवं अधिकरी को इतनी चिंता नहीं है कि इस समय गर्मी अपना तेवर दिखा रही है एवं दूसरी ओर पेयजल समस्या ग्रामीण अंचलों में विकराल रूप धरे हुये है।
लगभग 20 गांव इस लाइन के बदं होने से प्रभावित हो रहे हैं बेचारे ग्रामीण प्यास के मारे दम तोडऩे की स्थिति में आ गये हैं। जब ऐसी भयानक स्थिति में मढीखेडा सुपरवाईजर श्रीवास्तव साहब से स पर्क साधा तो उन्होने जनता का फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
क्यों कि उन्हे क्या पता की गांवों में क्या स्थित पैदा हो रही है। गांव के वाशिंदे एवं जानवार प्यास से तड़प रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा घोषणा की जाती है कि हम गांवों 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन धरातल पर देखा जाये तो नजारा ही कुछ और है यहां गांवों 24 घंटे तो क्या 24 मिनिट ही बिजली ग्रामीणों नसीब नहीं हो पा रही है।
जब इसकी शिकायत बिजली ऑफिस में की जाती है तो विभाग में पदस्थ सुपरवाइजर लगभग 30 वर्ष पुराने बिल निकालकर बैठ जाते है। जब विभाग को इतनी चिंता है तो 30 सालों से क्या अधिकारी सो रहे थे जो अब गहरी नींद से जागे हैं ।
वैसे तो कोलारस तहसील भारी अकाल की चपेट में है एवं सरकार द्वारा सूखा भी घोषित कर दिया है बैंको ने अपनी वसूली स्थिगित कर दी है लेकिन कोलारस बिजली विभाग में पदस्थ अधिकारी एक एवरेज बिल बनाकर बिजली सप्लाई घरेलू बत्ती बिल्कुल ही बंद कर दी गई है बिजली बंद करके अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
ग्रामीण वासियों ने जिलाधीश से मांग की है कि वास्तविक स्थिति जानकर बिजली सप्लाई चालू की जावे।