शिवपुरी। जले में हुई अल्प वर्ष के कारण सूखे का दंश झेल रही किसानों की जमीनों के मद्देनजर जिलाधीश राजीवचंद दुबे द्वारा जिले में नवीन नलकूप खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बावजूद इसके जिले भर में जिलाधीश के आदेश की अव्हेलना कर अवैध रूप से नलकूप खनन का कार्य धड़ल्ले से जारी है। पोहरी से लेकर बैराड़, बड़ौदी से लेकर खतौरा तक नलकूप खनन की मशीनें रातों रात घनघना रही हैं। लेकिन इस मशीन की घनघनाहट के आगे कर्मचारियों पर चांदी के चंद सिक्कों की खनखनाहट ज्यादा भारी पड़ रही है जिसके चलते जिले भर में अवैध नलकूप खनन करने वाले लोगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
ग्रीष्म ऋतु के आगमन और जिले भर में अल्प वर्षा के चलते भले ही जिले के कलेक्टर राजीवचंद दुबे ने नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में पदस्थ अधिकारियों द्वारा उनके आदेश का पालन गंभीरता से नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण जिले की कोलारस, पोहरी, करैरा, पिछोर, खनियांधाना जैसी तहसीलों में नलकूप खनन का सिलसिला जारी है। इस मामले का रौचक पहलू यह है कि जब संबंधित अधिकारियों को अवैध रूप से किए जा रहे उत्खनन की सूचना दी जाती है।
तो वे न केवल मामले से अपना पल्ला झाड़ देते हैं, बल्कि एक दूसरे अधिकारी पर भी मामले को टाल देते हैं जिससे जनता को यह साफ पता चल जाता है कि अवैध उत्खनन को संबंधित अधिकारियों का ही संरक्षण प्राप्त है।
खतौरा में अवैध उत्खनन, अफसरों ने आंखें मूंदीं
बीते रोज खतौरा मैन बाजार में शाम ढलते ही एक मशीन ने आकर उत्खनन का कार्य शुरू कर दिया, लेकिन आसपास के लोगों ने जब प्रशासन को मीडिया के सहयोग से सूचना देनी चाहिए तो संबंधित अधिकारियों ने मामले में लीतापोती कर डाली।
जब मामले की जानकारी दूरभाष पर जिलाधीश को दी गई तो उन्होंने अनुविभागीय दण्डाधिकारी कोलारस को सूचना देने को कहा जिस पर कोलारस एसडीएम को जब फोन किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया इससे यह साबित हो गया कि कहीं न कहीं अवैध उत्खननकर्ताओं को प्रशासन का ही संरक्षण प्राप्त है।
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