शिवपुरी। शिवपुरी में विकास के मुद्दे पर ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के बुआ-भतीजे में जुबानी जंग शुरू हो गई है। शिवपुरी शहर की विकास के योजनाओ में लेटलतीफी पर कल कांग्रेस कार्यालय के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान अपनी बुआ यशोधरा पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी सरकार होती तो में जनता से योजना पूरी करने के लिए समय नही मांगता।
अभी शिवपुरी की विधायक और प्रदेश की कैबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के दो दिन पूर्व दौरे पर शिवपुरी की जनता ने राजे ने जलावर्धन योजना पूरी होने के लिए फिर समय मांगा था और कहा कि जनता 6 माह और र्धर्य रखे।
सिंधिया ने कहा कि झूठ बोलना तो बीजेपी नेताओं के डीएनए में है। शाम होते-होते यशोधरा ने पलटवार किया और कहा कि मैंने तो जनता से सिर्फ 6 माह ही मांगे हैं, वे तो आठ साल तक केंद्र में मंत्री रहे।
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोसा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में मैंने खंबे व ट्रांसफार्मर लगवाएए लेकिन सीएम ने उनमें करंट नहीं डाला।
प्रधानमंत्री ने दलित और आदिवासियों के लिए शुरू की गईं यूपीए की सभी योजनाएं बंद कर इन वर्गों का कत्लेआम किया है। सिंधिया ने कहा कि झूठ बोलना बीजेपी और उनके नेताओं के डीएनए में है। जवाब में यशोधरा ने सांसद को नसीहत दी कि वे भाषा और पद की गरिमा का खयाल रखें। मैं कभी मर्यादा नहीं तोड़ती हूं और जिस तरह से पीएम-सीएम के लिए बोला गया है, वह निंदनीय है।
यह बयान सिंधिया के दिल का दर्द है...
इस बयानबाजी के कारण शिवपुरी के राजनीति के जानकारो के दिमाग में भूचाल आ गया हे कि अपने राम का तो इस मामले में यह कहना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी प्रत्याशी के मुकाबले गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से तो चुनाव जीत गए थे पर शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में वे हारे थे।
सिंधिया ने ऐसा कभी सपने में नही सोचा होगा,और यह हार बार-बार सीने को चुभती होगी कि 250 साल पुराने संबंधो को जनता ने क्यो तौडा। जाहिर है शिवपुरी शहर का विकास को आईसीयू में जाना। इसलिए सिंधिया शिवपुरी की जनता को यह अहसास करा रहे हैं कि मंत्री होने के बाद भी भाजपा नेता सिर्फ उनसे वादे कर रही हैं, काम नहीं कर रहीं।