रिश्वत में फसल जाऐगी कर्मचारियों को...

बैराड़। अभी तक आपने रिश्वत में पैसा, दारू और बहुत कुछ सुना होगा परन्तु बैराड़ में जलसंसाधन विभाग के कुछ कर्मचारी रिश्वत में फसल लेने की खबर आ रही है।

अल्पवर्षा के कारण जिले के कई तालाब पूरे नही भरे है। बैराड़ तालाब में भी पानी कम है लेकिन इतना है कि स्थानीय जानवर अपनी प्यास बुझा सकते है। परन्तु बैराड़ के तालाब की खाली जमीन पर बागड कर खेती करने के लिए बंधक बना लिया है।

जानकारी के अनुसार जल संसाधन विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनाए गए बैराड़ तालाब में केवल उत्तर दिशा में थोड़ा सा पानी है जिसका खेती में उपयोग के लिए दबंगों ने तालाब की भूमि पर ही बागड कर दी है, जिससे गांव के मवेशियों को तालाब में पानी पीने जाने का रास्ता बंद हो गया है और वह पीने के पानी के लिए जंगलों में भटक रहे हैं।

गौरतलब है कि तालाब की भूमि पर कब्जा कर खेती करने की तैयारी करने वाले अधिकांश वह लोग हैं जो तालाब निर्माण के समय उक्त भूमि डूब क्षेत्र में आने के बाद शासन व जल संसाधन विभाग से मुआवजा तक ले चुके हैं।

मुआवजा लेने के बाद भी उक्त दबंगों ने तालाब की भूमि से कब्जा नहीं छोड़ा है और वह आज भी उक्त जमीन पर अपना मालिकाना हक समझते हुए खेती करते चले आ रहे हैं। है।

तालाब क्षेत्र की भूमि पर खुलेआम की जाने वाली खेती के संबंध में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन जि मेदारों के ध्यान न देने से दबंगो के होंसले बुलंद हैं।

जानकारी यह भी मिल रही है कि जलसंसाधान विभाग के स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत से स्थानीय दंबगों ने यह बागड की है और ऐसा हर वर्ष होता आया है। बताया गया है कि इसमे कुछ प्रतिशत हिस्सा फसल का कर्मचारी रिश्वत के रूप में लेते है।