शिवपुरी। कल नगर पालिका कार्यालय में कांग्रेस के दो और एक पार्षद पुत्र का नपा कर्मचारी महेन्द्र ओझा के साथ विवाद ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। दोनों में से कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं है और पार्षदों के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए नगर पालिका कर्मचारियों ने आज हड़ताल कर दी।
कर्मचारियों के पक्ष में मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा खुलकर सामने आ गए वहीं नपाध्यक्ष कुशवाह ने कांग्रेस पार्षदों का साथ देकर मेलमिलाप कराने की कोशिश की। इस खेमेबंदी के कारण कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका जिसके परिणामस्वरूप आज कर्मचारी हड़ताल पर चले गए और बाद में मध्यस्थता में विफलता के बाद नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने सीएमओ शर्मा को जांच के लिए अधिकृत किया और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कल नगर पालिका कार्यालय में दो कांग्रेसी पार्षद और एक पार्षद पुत्र मानस भवन अपने किसी परिचित के लिए बुक कराने गए। बताया जाता है कि संबंधित क्लर्क महेन्द्र ओझा ने उनसे कहा कि चूंकि 29 अक्टूबर की बुकिंग पहले से है इसलिए वह 27 एवं 28 अक्टूबर की बुकिंग श्रीमती प्रभा कोड़े से पूछकर करेंगे।
इसी बात पर विवाद ने गंभीर रूप धारण कर लिया और कर्मचारी का आरोप है कि पार्षद ने फर्नीचर की तोडफ़ोड़ की और गाली गलौच करते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी। मामला नपाध्यक्ष और सीएमओ के संज्ञान में आया और दोनों ने राजीनामा कराने की कोशिश की, लेकिन कोई भी पक्ष अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हुआ।
जिसका परिणाम यह हुआ कि आज पार्षदों के खिलाफ एफआईआर न होने से खिन्न होकर कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इसके बाद पुन: राजीनामा कराने की कोशिशें शुरू हुईं।
नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा और सीएमओ कमलेश शर्मा ने दोनों पक्षों से बातचीत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने सीएमओ को जांच के लिए अधिकृत कर दिया। समाचार लिखे जाने तक इस मामले में मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश शर्मा ने पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।
