डेंगू मरीज रिफर करने का 10000 मिलता है

शिवपुरी। सरकारी अस्पताल में इन दिनों डेंगू का डर दिखाकर मरीजों को ग्वालियर के प्राइवेट अस्पतालों में रिफर करने का धंधा जोर शोर से चल रहा है। डॉक्टरों की रुचि इलाज से ज्यादा रिफर करने में है, क्योंकि डेंगू के नाम पर भेजे गए प्रति मरीज के बदले 10000 रुपए कमीशन मिलता है।

अस्पताल के सूत्र ही इस घोटाले का खुलासा कर रहे हैं। डॉक्टरों के इस जाल में सबसे ज्यादा पोहरी बैराढ़ के मरीज फंस रहे हैं। बुखार कोई भी हो, डॉक्टर के चंगुल में मरीज के आते ही डॉक्टर इस बात का पता नहीं लगाते कि बुखार कौन सा है, बल्कि इस बात का पता लगाते हैं कि मरीज के परिवार की फाइनेंसियल स्थिति क्या है। बड़ी चतुराई से वो यह जान लेते हैं कि मरीज के परिजन 50000 रुपए तक खर्चा कर सकते हैं या नहीं ?

मरीज के परिजनों को डेंगू का डर कुछ इस तरह से दिखाया जाता है कि वो खेत, मकान और गहने गिरवी रखकर पैसे जुटा लाते हैं। सरकारी दस्तावेजों में डॉक्टर क्या दर्ज करता है यह तो वही जालसाज जाने, लेकिन असलियत यह है कि दो तीन दिन भर्ती करने के बाद उसे ग्वालियर के प्राइवेट हॉस्पिटल में रिफर कर दिया जाता है। वहां 50 हजार से कम का बिल नहीं बनता। बुखार कोई भी हो, इलाज डेंगू के नाम पर चलता है। इसके बदले प्राइवेट हॉस्पिटल रिफर करने वाले डॉक्टर को 10 हजार रुपए कमीशन देते हैं।

कुल मिलाकर डेंगू का डर दिखाकर लूट का कारोबार जारी है। इलाज की तो कोशिश भी नहीं की जा रहीं यह मामला पोहरी विधायक प्रहलाद भारती एवं बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जा चुका है परंतु आश्चर्य है कि अब तक इस संदर्भ में​ किसी ने कोई पहल नहीं की।