स्कूल और छात्रावासों में बच्चों को प्रताडि़त करना दण्डनीय अपराध

शिवपुरी। बाल कल्याण समिति की न्यायपीठ ने जिले के समस्त शासकीय, अशासकीय स्कूल व छात्रावासों के संचालक, अधीक्षक व प्राचार्यों को सख्त हिदायत दी है कि बच्चों को किसी भी रूप में प्रताडि़त न करें।

उन्हें शारीरिक रूप से चोट न पहुंचाई जाये, मारपीट न की जाये, उत्तेजित होकर जातिसूचक या व्यंग्यात्मक टिप्पणी न की जाये। उनकी उपेक्षा न की जाये। परित्याग न किया जाये और न भेदभाव और न ही उनसे रेगिंग की जाये। उन्हें न तो शारीरिक और न ही मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाये।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया कि बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडऩा देना कानूनन वर्जित है।

यह कानून का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि यदि कहीं से भी ऐसी शिकायत मिलती है तो सीडब्ल्यूसी की न्यायपीठ द्वारा बाल संरक्षण अधिनियम के संशोधन नियम 2007 की धारा 23 के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी जिसमें शिक्षक के साथ-साथ प्राचार्य व संचालक की भागीदारी मानकर दोषी मानते हुए स त कार्यवाही की जायेगी।