शिवपुरी। पेयजल समस्या को लेकर मप्र सरकार के जो प्रयास चल रहे थे उनके सार्थक परिणाम आना शुरू हो गए है। खबर आ रही है कि नगरीय प्रशासन के आयुक्त के समक्ष विगत रोज दोशियान कंपनी के द्वारा कार्य करने की लिखित रूवीकृति दी गई है।
एक तरफ जहां सरकार ने योजना की समीक्षा करके वस्तुस्थिति को जानते हुए वित्तीय प्रावधान करने की कार्य योजना बनाई है तो इस जलावर्धन योजना को लेकर एजेंसी के मामले में लंबे समय से चला आ रहा गतिरोध शांत होता दिखाई दे रहा है। इसके लिए जलावर्धन योजना की ठेकेदार कंपनी दोशियान काम करने के लिए राजी हो गई है।
शिवपुरी की पेयजल समस्या को लेकर जल क्रांति और जल आन्दोलन के माध्यम से जो जनता का दबाब सरकार पर बना था उससे सरकार गंभीर हुई थी। इस मामले में कलेक्टर राजीवचन्द्र दुबे ने आन्दोलन के दौरान मप्र शासन को अवगत कराया भी था कि लॉ एण्ड ऑर्डर की स्थिति बिगडऩे के हालात है।
इसके बाद सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर प्रदेश की मंत्री व शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने इस मामले में प्रयास शुरू किए। जिसके तहत मु यमंत्री ने भाजपा के प्रतिनिधि मण्डल के सामने योजना के तुरंत चालू कराने के निर्देश दिए।
लेकिन बड़ी समस्या योजना के शेष काम को पूरा करने की बनी रही थी। सूत्रों के मुताबिक नगरीय प्रशासन के आयुक्त के समक्ष विगत रोज दोशियान कंपनी के द्वारा कार्य करने की लिखित स्वीकृति दी गई है और अपने कागजी पूर्तियों को पूरा करके कंपनी अपना काम शुरू कर देगी।
सिंध आने तक जारी रहेगा आन्दोलन
जल आन्दोलन संचालन समिति शिवपुरी के सदस्यद्वय वीरेन्द्र शर्मा भुल्ले एवं राकेश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि दोशियान कंपनी के द्वारा कार्य करने की जो स्वीकृति दी गई है उसके प्रति मप्र शासन के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के प्रति आभार प्रकट किया है।
लेकिन जल आन्दोलन सिंध आने तक जारी रहेगा। जनता में लगातार सिंध का पानी लाने के लिए जन-जागरण किया जाएगा।
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