
जल सत्याग्रह आंदोलन के प्रेरणास्त्रोत मधुसूदन चौबे ने धरनास्थल पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न व्यवसायिक और सामाजिक संगठनों ने उनके आंदोलन को समर्थन दिया है, वहीं व्यापारियों ने 20 जून को सिंध का पानी शिवपुरी लाने के लिए शिवपुरी बंद करने का निर्णय लिया है। ऑटो यूनियन के अध्यक्ष बनवारी धाकरे ने बताया कि शहर के समस्त ऑटो चालक 22 जून को अपना कारोबार बंद रखेंगे और उस दिन शहर में कोई ऑटो नहीं चलेगी।
सात साल से लंबित पड़ी सिंध जलावर्धन योजना के अतिशीघ्र क्रियान्वयन के लिए पब्लिक पार्लियामेंट के आव्हान पर दो दिन पहले जन आंदोलन शुरू किया गया है। आंदोलन के पहले दिन जहां रैली निकालकर कलेक्टर को मु यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है, वहीं आंदोलन समाप्ति तक माधवचौक पर क्रमिक अनशन शुरू किया गया है। इसके अलावा आंदोलनकारी अपनी बाहों पर विरोध प्रदर्शन के रूप में काली पट्टी लगाये हुए हैं। धरनास्थल पर आयोजित पत्रकारवार्ता में प्रमुख रूप से मधूसूदन चौबे, पूर्व पार्षद छत्रपाल सिंह गुर्जर, सौमित्र तिवारी, प्रमोद मिश्रा, डॉ. अतुल भार्गव ने सिंध का पानी अभी तक शिवपुरी न आने पर मुखर होकर आक्रोश व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि अब आरपार की लड़ाई होगी और इस संघर्ष में यदि उन्हें मौत का सामना करना पड़ा तो इसके लिए भी वह तैयार हैं। लेकिन आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा, परंतु सिंध का पानी शिवपुरी लाने के लिए वह मु यमंत्री सहित किसी भी जनप्रतिनिधि से नहीं मिलेंगे।
सिंध के पानी के लिए जनता अब सड़क पर उतर चुकी है। आंदोलनकारियों का कथन है कि जब सात साल पहले इस योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया था और अब तक 65 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है फिर यह योजना बंद क्यों पड़ी है। योजना के अवरोध में बाधा क्या है यह जनता को समझ नहीं आ रहा है लेकिन इसके लिए सीधे सीधे जि मेदार सरकार है क्योंकि कोई भी अवरोध तथा अधिकारी सरकार से बड़ा नहीं होता और सरकार को जनहित का ध्यान रखना चाहिए।
श्री चौबे ने बताया कि सिंध का पानी शिवपुरी लाने की मुहिम में उन्हें विभिन्न व्यापारिक संगठनों कपड़ा, बर्तन, सर्राफा, मेडीकल, जूता सहित बंधानी मजदूर, ट्रक यूनियन, शिक्षाकर्मी संघ आदि का समर्थन मिल चुका है।
समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, शिवसेना, बजरंग दल के अलावा कांग्रेस और भाजपा के कई नेता भी आंदोलन के नैतिक समर्थन में खुलकर सामने आ रहे हैं। आंदोलनकारियों के अनुसार जब तक सिंध का पानी शिवपुरी नहीं आएगा तब तक उनका यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा।